महोदय मैं आपके माध्यम से बताना चाहता हूं कि लोक शिक्षण संचनालय म.प्र. ने पिछले कुछ माह पहले आदेश जारी किया था कि समस्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थ उच्च माध्यमिक शिक्षक और हाई स्कूलों में पदस्थ गणित,अंग्रेजी और विज्ञान के माध्यमिक शिक्षकों को टेबलेट खरीदना अनिवार्य है और वे तत्काल टेबलेट खरीदकर अपने विकासखंड के बी.आर.सी.सी. से सत्यापन कराएं ताकि उनके खाते में टेबलेट की 10000 रुपये की राशि डाली जा सके।
चूंकि 10000 रुपये में कोई बहुत अच्छा टेबलेट खरीदा नहीं जा सकता तो शिक्षकों ने अपने हिसाब से टेबलेट खरीद लिए। किसी ने 17000 तो किसी ने 25000 तक के टेबलेट खरीद लिए और उनका सत्यापन भी करा लिया।परंतु सत्यापन के कई महीने बाद भी शासन ने उन शिक्षकों को टेबलेट का भुगतान नहीं किया है। बी.आर.सी.सी. कार्यालय में पूछने पर जबाब मिलता है " हम नहीं बता सकते भुगतान कब होगा।"
इसके विपरीत जब प्राथमिक शिक्षकों को टेबलेट खरीदने हेतु राज्य शिक्षा केन्द्र ने आदेश जारी किया था तो सत्यापन कराने के 3 से 5 दिन में भुगतान कर दिया गया था।
किसी किसी शिक्षक के पास पैसा नहीं था तो उसने टेबलेट फाइनेंस करा कर ले लिया। अब वे सारे शिक्षक पछता रहे हैं कि अगर नहीं खरीदते तो ज्यादा अच्छा होता। अगर शासन के पास पैसा नहीं था तो ऐसा आदेश निकालने की आवश्यकता क्या थी, जिससे हजारों शिक्षकों के सम्मलित रूप से करोड़ों रुपये खर्च हो गए। क्या इसके पीछे कोई और साजिश तो नहीं थी टेबलेट की बिक्री को उठाने की।
संपादक महोदय से निवेदन है इस प्रकरण को अपने स्तर से उठाएं ताकि शिक्षकों को जल्द उनका पैसा मिल सके, कोशिश करें कि टेबलेट का वास्तविक मूल्य भी प्राप्त हो जाये, आपका बहुत आभार होगा।
धन्यवाद, कृपया नाम प्रकाशित न करें.