पटवारी चयनित कर्मचारियों का दर्द- गीत का सार- निर्दोष को नौकरी मिल, फ़र्ज़ी को जेल

दबा दिया हमारे अरमान, भीड़ ने।
मेहनत पर फेर दिया पानी, भीड़ ने।।

फ़र्ज़ी स्क्रीनशॉट से, हौआ बना दिया।
फिर हंसः को भी तुमने तो कौआ बना दिया।।


जालसाजों के जाल में तुम आओ ना मामा जी।
हमें भगाओ ना मामा जी।
क्या मेहनत मेरी याद नही।

राजनीत के दबाब में नियुक्ति रोको न मामा जी, अन्याय करो ना मामा जी।
क्या मेहनत मेरी याद नही।

अगर लगे घोटाला तो तुम जाँच करा लो।
मिले प्रमाण तो फिर तुम फाँसी पर चढ़ा दो।।

फैले जालसाजी प्रमाणों की जांच करा लो।
फ़र्ज़ी न्यूज़ शेयर करने वालों को भी सज़ा दो

मगर हमारी नियुक्ति तुम रोको न मामा जी।
भगाओ ना मामा जी।
क्या मेहनत मेरी याद नही।

राजनीति लाभ हानि की गड़ना तुम न करना।
साथ थे तुम सत्य के तो साथ ही रहना।

भीड़ की धमकी से तुम रुकना ना मामा जी।
बढ़ाया है कदम तो बढ़ते रहना तुम मामा जी।

हमें राजनीतिक ड्रामों के भेंट चढ़ने न दो मामा जी
भगाओ ना मामा जी।
क्या मेहनत मेरी याद नही।