भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री सुरेंद्र शर्मा के अभियान का असर दिखाई दिया है। कलेक्टर द्वारा दबा दिया गया मुद्दा ना केवल सुर्खियों में आया बल्कि माफी मांगने के बाद भी स्कूल संचालक प्राथमिक कार्रवाई से बच नहीं पाया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान के बाद लोक शिक्षण संयुक्त संचालक दमोह के गंगा-जमना स्कूल की मान्यता निलंबित करनी पड़ी।
मामला क्या है संक्षिप्त में समझिए
उल्लेखनीय है कि, गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल दमोह द्वारा एक विज्ञापन पोस्टर जारी किया गया जिसमें मेरिट लिस्ट में आने वाली सभी जाति धर्म की छात्राओं को हिजाब जैसी यूनिफार्म में दिखाया गया। आम नागरिकों एवं पेरेंट्स द्वारा इस पर आपत्ति उठाई गई तो प्राथमिक शिकायत प्राप्त होते ही दमोह कलेक्टर श्री मयंक अग्रवाल ने आनन-फानन में एक दल बनाकर जांच करवाई और मात्र 24 घंटे के भीतर गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल को क्लीन चिट दे दी थी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री सुरेंद्र शर्मा ने इस मामले को उठाया और भोपाल समाचार डॉट कॉम ने प्रसारित किया।
इसके बाद मामला पहले राज्य स्तर पर और फिर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया। स्कूल संचालक द्वारा बार-बार दोहराया गया कि लड़कियों को हिजाब नहीं स्कार्फ पहनाया गया है और वह भी अनिवार्य नहीं है, परंतु सबको दिखाई दे रहा था कि फोटो में सभी लड़कियां हिजाब जैसा नजर आने वाले कपड़े पहने हुए हैं। इस बीच एक वीडियो भी सामने आया जिसमें विद्यार्थियों को आपत्तिजनक प्रार्थना करवाई जा रही थी।
सबसे पहले गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने जांच के आदेश दिए फिर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा नोटिस जारी किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा एक बार बयान दिया गया और आज छतरपुर दौरे के पर फिर से बयान दिया। मुख्यमंत्री के दूसरी बार बयान जारी करने के बाद कार्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर संभाग द्वारा विवादित स्कूल की मान्यता निलंबित कर दी। हालांकि मान्यता के निर्देश में यूनिफॉर्म विवाद का कोई जिक्र नहीं है, लेकिन इस निलंबन आदेश को यूनिफॉर्म विवाद के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दूसरे बयान का परिणाम ही माना जा रहा है।