JABALPUR NEWS- बिना रजिस्ट्री, कर दिया नामांतरण, चालीस वर्ष पश्चात बनवाया गया मृत्यु प्रमाण पत्र, नाती बनकर हड़प ली जमीन।

जबलपुर।
अधारताल तहसीलदार ने अपने आदेश से बिना रजिस्ट्री , वसीयत,बटवारा नामा या रजिस्टर्ड दान पत्र ना होने के पश्चात मदन महल रानीपुर वार्ड की 1330 फुट स्वर्गीय श्री मति गंगा बाई की जमीन स्वर्गीय श्री मति शांति बाई के नाम कर दी।

माननीय उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री योगेंद्र शिंह ने बताया है की जिस महिला का चालीस वर्ष पहले निधन हो चुका था उसका मृत्यु प्रमाण पत्र अधारताल तहसील दार को गलत जानकारी देकर बनवाया गया, वकील योगेंद्र सिंह ने बताया गंगा बाई की मृत्यु 1979 में हुई थी उसकी मृत्यु को 1978 में होना बताया गया, ग्वारीघाट मुक्तिधाम अध्यक्ष कल्लू गोस्वामी के प्रमाणपत्र को आधार बनाया गया , जबकि गंगा बाई का अंतिम संस्कार गुप्तेश्वर मुक्तिधाम में हुआ था।

बताया गया है की 1330 फुट जमीन स्वर्गीय श्री मति गंगा बाई,1330 फुट जमीन स्वर्गीय श्री मति शांति बाई ने स्वर्गीय राम प्रसाद आत्मज रामनाथ कुशवाहा,श्री मति गुलाब बाई पति रामप्रसाद से 5/4/1972 में विक्रय पत्र के माध्यम से क्रय की थी , गंगा बाई की संतान नहीं है इसका फायदा उठाने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र , सपथ, पांचनामा, पटवारी रिपोर्ट में साजिश कर दूसरे की जमीन अपने नाम ही दर्ज करवा ली, पटवारी रिपोर्ट ,पंचनामे और सपथ में स्पष्ट लिखा है की मृतक शांति बाई की चाची सास थी,उनकी संतान नही थी,

जालसाजी इस तरह की गई की सपथ में सपथ कर्ता का नाम राजेश उपाध्याय पुत्र लिखा है लेकिन हस्ताक्षर नीलम शुक्ला पुत्री ने किए है, सपथ कर्ता में किसी ने भी हस्ताक्षर नहीं किए ।
अपील कर्ता राकेश उपाध्याय की ओर से वकील योगेंद्र शिंह, आनंद ने अनुविभागीय अधिकारी विजय नगर हाट बाजार के समक्ष अपील प्रस्तुत कर साक्ष्य देकर तहसील दार के द्वारा किए गए नामांतरण आदेश एवं गलत जानकारी के आधार पर गंगा बाई के मृत्यु प्रमाण पत्र को निरस्त करवाने के साथ साजिश कर्ताओं के विरुद्ध जालसाजी का मामला दर्ज करवाने की मांग की गई है, मामले की गंभीरता को देखते हुए शांति बाई की पुत्री नीलम शुक्ला, पुत्र राजेश,मुकेश,नाती स्वप्निल और ग्वारीघाट मुक्ति धाम के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर मामले आज पेस होने के निर्देश जारी किए थे।

आरोपी आज माननीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए, वकील योगेंद्र सिंह,आनंद ठाकुर, आशुतोष नामदेव,अमित कोहली, डी पी गोलदाज स्थगन पर निवेदन के लिए उपस्थित थे लेकिन तर्क का अवसर प्राप्त नहीं हो सका।
वकील ने बताया है कि बिना बैनामे के नामांतरण करने वाले अधिकारी से ही मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया गया था, प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने वाला गंगा बाई की संतान नहीं है, पटवारी स्थल पंच नामे में यह लिखा है की उनकी संतान नहीं थी,फिर जाली प्रमाण बनवाने की जरूरत क्यों पड़ी, इसी स्थल पंचनामे में यह भी लिखा है की वह दादी थी जबकि आवेदक के पिता राजेश उपाध्याय की गंगा बाई मां नहीं थी बल्कि शांति बाई थी, सरकारी कर्मचारी द्वारा जालसाजी कर अपने नाम पर जमीन करवाने वालों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करवाने निवेदन किया गया है।
(योगेंद्र शिंह),अधिवक्ता