मध्य प्रदेश के दमोह में स्थित गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल में संदिग्ध गतिविधियों की जांच करने आई राज्य बाल आयोग की टीम ने दावा किया है कि इस स्कूल की महिला प्रिंसिपल सहित दो महिला शिक्षक कन्वर्ट हो चुकी है। जब उन्होंने स्कूल जॉइन किया था तब हिंदू थी, अब मुसलमान हैं। आयोग के एक सदस्य ने कहा कि इस तरह के अभियानों में लोगों पर दबाव नहीं डाला जाता और ना ही लालच दिया जाता है बल्कि ब्रेनवाश किया जाता है।
खरे, यादव और जैन तीनों खान बन गई
मध्य प्रदेश राज्य बाल आयोग की तरफ से अनौपचारिक बातचीत में प्रेस को बताया गया कि, स्कूल में स्टाफ से बातचीत के दौरान प्रिंसिपल अफसरा शेख ने स्वीकार किया कि स्कूल में आने से पहले नाम के साथ 'खरे' सरनेम लगाती थी। शिक्षिका अनीता खान ने बताया कि वो पहले अनीता यादव थी। एक और शिक्षिका तबस्सुम खान का नाम रिकॉर्ड में मिला जिनके बारे में प्रिंसिपल ने आयोग को बताया कि वो पहले 'जैन' सरनेम लिखती थी। हालांकि प्रिंसिपल और शिक्षिका ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वो धर्मांतरित क्यों हुई। आयोग के सदस्यों ने संचालक मोहम्मद इदरिस से जब इस बारे में पूछा तो उसने भी गोलमोल जवाब दिया।
1208 बच्चों वाले इस स्कूल पर आरोप है कि वहां हिन्दू लड़कियों को हिजाब जैसी दिखने वाली यूनिफार्म पहनने पर मजबूर किया जाता है। रजिस्ट्रेशन वाले रजिस्टर में सभी छात्राओं के फोटोग्राफ इसी आपत्तिजनक यूनिफॉर्म में है। आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने कहा कि 2012 में शुरू हुए इस स्कूल में शुरू से ही हिजाब पहनाया जा रहा है। 2018 में स्कूल की बैठक में ड्रेस कोड को मान्यता दी थी।
इसके अलावा आज तक बैठक नहीं हुई। स्कूल संचालक हिजाब को जांच के दौरान स्कार्फ बताता रहा। बाल कल्याण समिति दमोह के सदस्य दीपक तिवारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान तीन शिक्षकों के दस्तावेज ऐसे मिले हैं। जिनमें उनकी जाति बदली हुई है।