BHOPAL HINDI NEWS लोक शिक्षण संचनालय भोपाल की नौकरशाही

भोपाल।
लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल की नौकरशाही में मध्यप्रदेश राज्य में व्यवसायिक शिक्षा के नाम में कुछ ऐसा ही चल रहा है संबंधित क्या सरकार द्वारा चलाई जा रही कौशल विकास योजना अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूरा कर पा रही है?

कौशल विकास योजना एक अच्छी योजना है परंतु इसका क्रियान्वन जमीन पर ढंग से हो नही पाया और यह कागज़ो मे कैद हो कर रह गयी है. भ्रष्ट नौकरशाही हमारे देश की सारी योजनाओं को खा जा रही है। जब उन पर पी एम ओ प्रधानमंत्री के दफ्तर से दबाव आता है वह सिर्फ पेपर पर इस तरह की योजनाएं चलाते हैं और देश की जनता की आंख में धूल झोंक रहे हैं। कुछ NGO के सांथ सांठ-गांठ करके एक फर्जीवाड़ा चलाया जा रहा है।इस तरह के कई कौशल विकास योजना केन्द्र सिर्फ झूठे सर्टिफिकेट बांट रहे हैं और एक अच्छी योजना के सांथ भद्दा मजाक कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि कुछ इमानदार अधिकारीयों को इसके बारे में पता हो। 

योजनाओं की भरमार है लेकिन योजनाओं की जवाबदेही जिनको दी गई है वह सिस्टम दीमक की तरह सब कुछ चट कर जाता है। आज पंचायती राज भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है। गांव, कस्बों के विकास का पैसा अधिकारियो और कुछ जन प्रतिनिधियों के पेट मे जा चुका है। गांव की हालात बद से बदतर होती जा रही है।शौचालय निर्माण मे इतनी अनियमितताएं की पूछिए मत। कहीं सिर्फ गटर का ढक्कन बना है नीचे कुछ नही, कहीं टॉयलेट सीट बिठा दी गयी है। राज्य सरकार के भ्रष्टा अधिकारी एक से बढ़ कर एक हैं। बस मौका चाहिए सरकारी योजनाओं का पैसा खाने का।

कौशल विकास योजना का मतलब ही था कि कौशल विकास करना ताकि युवा वर्ग कुछ सीख कर स्वावलंबी हो सके. यहां ट्रेनिंग तो नही कराई जा रही पर सर्टिफिकेट जरूर दिए जा रहे, हैं गलत तरीके से।

मुझे उम्मीद है आप को इससे जुड़ी जमीनी हकीकत का पता चल गया होगा
व्यवसाय शिक्षा के नाम पर 10 से 15 OIC पद लिए हुए हैं OIC सिर्फ़ एसी की हवा खा रहा डीपीआई भोपाल में और साथ में कंपनी(ngo or vtp) कोऑर्डिनेटर से सारा काम कराते हैं और क्रेडिट oic लेते है शत-प्रतिशत कंपनी की व्यवसायिक शिक्षकों की सैलरी 6-6 माह की रुकी हुई है।

175 स्कूल का trade शिफ्ट करने का निर्देश दिए थे परन्तु पूरा डाटा गोल कर दिया dpi bhopal के sarita jain (ओएसडी &OIC- +919407207191) द्वारा और पूछो तो बोलते है trade बंद हो गया और बंद का लेटर मांगों तो बोलते है गुप्त है ऐसी तानाशाही चल रही है।