डॉ प्रवेश सिंह भदौरिया। कोरोना की भयावह दूसरी लहर के बाद मध्यप्रदेश में अब थोड़ी राहत है। कोरोना की दूसरी लहर ने अनेकों परिवार को तहस-नहस कर दिया। अनेक परिवार में बस छोटे बच्चे ही रह गये हैं जबकी कुछ माता-पिता की इकलौती संतान को इस कोरोना ने अपना भाजन बना लिया है।
सरकार को ऐसे परिवार, जिनके बड़े सदस्य कोरोना में मृत हो गये हैं व सिर्फ बच्चे रह गये हैं, के लिए उनके बालिग होने तक मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था करनी चाहिए। सरकार को इस हेतु एक कमेटी गठित करनी चाहिए जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री जी या वरिष्ठ स्तर के मंत्री करें। साथ ही प्रशासकीय अधिकारी इस कमेटी के सदस्य हों जो लगातार इस कार्य की मॉनिटरिंग करें। सरकार कोरोना रिलीफ फंड भी बना सकती है जिसके माध्यम से कोरोना से प्रभावित परिवारों की मदद की जा सके।
सरकार ऐसे परिवार के लिए बीमा योजना भी लागू कर सकती है जिसके प्रिमियम का भुगतान शासन कोरोना रिलीफ फंड से किया जा सकता है। जिससे परिवार के बचे हुए सदस्यों को भविष्य की चिंता ना हो। कोरोना के आफ्टरमथ में सरकार को और दृढ़ता से कार्य करना होगा जिससे लोगों का भरोसा शासन और प्रशासन दोनों पर बना रहे जो कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है।