ग्वालियर। कंपू स्थति समर्पण हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट द्वारा अल्ट्रासाउंड की गलत रिपोर्ट जारी किए जाने की शिकायत पीडि़त ने सीएमएचओ से लेकर कलेक्टर तक से कर दी है। प्रभारी सीएमचओ का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी यदि लापरवाही बरती गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गर्भ में शिशु को मृत बता दिया था
कंपू पर रहने वाले मनोज सांघी की बेटी ग्रीष्मा हाल में भोपाल से अपने मायके आई थी। उसे 7 सप्ताह का गर्भ था। ग्रीष्मा अपनी मां के साथ चेकअप कराने के लिए स्त्रीरोग विशेषज्ञ डा शिल्पी ओझा को दिखाने पहुंची। डा शिल्पी ओझा ने एक अल्ट्रासाउंड करोन के लिए कहा तो उन्होंने दो जुलाई को कंपू पर स्थित समर्पण हेल्थ एंड केयर इंस्टीट्यूट पर अल्ट्रासाउंड कराया। दो घंटे बाद रिपोर्ट मिली तो उसमें बताया कि गर्भ में पल रहे बच्चे की धड़कन या कार्डियक हलचल नहीं है।
अपूर्व अल्ट्रासाउंड की जांच में शिशु स्वास्थ्य मिला
उन्होंने यह रिपोर्ट डा शिल्पी को दिखाई तो उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के हिसाब से गर्भपात कराना होगा लेकिन उससे पहले किसी दूसरे सेंटर पर एक और जांच कराई जा सकती है क्योंकि यदि गर्भ में बच्चा मृत होता तो अबतक परेशानी खड़ी हो गई होती। मनोज सांघी का कहना है कि जब कंपू पर स्थित ही अपूर्व अल्ट्रासाउंड पर जांच कराई तो पता चला कि सबकुछ ठीक है, बच्चे की धड़कन भी है और कार्डियक हलचल भी मौजूद है।
समर्पण हेल्थ सेंटर से पहले भी गलत रिपोर्ट जारी हुई पर कोई कार्रवाई नहीं हुई
ग्वालियर के रहने वाले आशीष का कहना है कि समर्पण हेल्थ सेंटर से मैं पिछले चार साल से जांच करा रहा था। चार साल से समर्पण की रिपोर्ट पर दिल्ली में डाक्टर से इलाज लेता रहा। जब डाक्टर ने सलाह दी कि एक बार दूसरी पैथोलॉजी पर जांच कराएं और रिपोर्ट दिखाएं। जब दूसरे सेंटर पर जांच कराई तो पता चला कि समर्पण द्वारा जो रिपोर्ट अबतक दी जा रही थी वह गलत थी। इसकी शिकायत भी की गई पर कार्रवाई कुछ नहीं हुई।
गलती मिली तो एक्शन लेंगे: सीएमएचओ
गलत रिपोर्ट की शिकायत मुझे मिली है, मामले की जांच कराई जाएगी। यदि गलती पाई जाती है तो उसके खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा।
डा बिंदु सिंघल, प्रभारी सीएमएचओ
मशीन की ऐरर की बजह से गलत रिपोर्ट बन गई होगी
मेरी संस्था 250 रुपए में अल्ट्रासाउंड कर रही है। क्वालीफाइड डाक्टर काम कर रहे हैं हो सकता है कि मशीन की ऐरर की बजह से गलत रिपोर्ट तैयार हुई हो। पर सेकंड ओपीनियन तो हर कोई लेता है। जिसमें पता चल जाता है यदि गलती हुई है तो। मरीज ने सेंकड ओपीनियन लिया है, क्या परेशानी हो गई इसमें।
डा केके अग्रवाल, संचालक समर्पण हेल्थ केयर इंस्टीट्यूट