SHIVRAJ SINGH की नजर प्रॉपर्टी टैक्स पर, कलेक्टर गाइडलाइन के नाम पर 10% टैक्स बढ़ाया जाएगा - MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पिछले 15 सालों में कुछ किया हो या ना किया हो लेकिन एक काम पूरी शिद्दत के साथ किया है, और वह यह कि मध्य प्रदेश की जनता पर सभी प्रकार के टैक्स जितने संभव हो सकते थे उतने अधिकतम लगाए गए। हालात यह है कि पानी से लेकर पेट्रोल तक हर चीज पर बेतहाशा टैक्स लगाए जा चुके हैं। अब शिवराज सिंह सरकार की नजर प्रॉपर्टी टैक्स पर है। आने वाले साल में इसे बढ़ाकर मोटी कमाई का जरिया बनाने की तैयारी कर ली गई है।

मंगलवार को हुई शिवराज सिंह सरकार की कैबिनेट मीटिंग में प्रॉपर्टी टैक्स को कलेक्टर गाइडलाइन से जोड़ने का फैसला कर लिया गया है। सरल शब्दों में, यह बिल्कुल वैसा ही होगा जैसा पेट्रोलियम पदार्थों का मूल्य अंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य से जोड़ने पर हुआ। यदि कलेक्टर गाइडलाइन में प्रॉपर्टी के दाम कम हुए तो प्रॉपर्टी टैक्स काम नहीं किया जाएगा लेकिन यदि कलेक्टर गाइडलाइन में प्रॉपर्टी के दाम बढ़े तो प्रॉपर्टी टैक्स भी बढ़ाया जाएगा। 

प्रॉपर्टी टैक्स क्या होता है, क्यों लगाया जाता है 

सबसे बड़ा प्रश्न यही है। जब प्रॉपर्टी को खरीदते समय रजिस्ट्री में स्टांप ड्यूटी के नाम पर एक बहुत मोटी रकम पहले से ही अदा कर दी जाती है तो फिर प्रॉपर्टी टैक्स क्यों लगाया जाता है। नगरीय प्रशासन का कहना है कि सड़कों की साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट और आपके घर तक पेयजल की उपलब्धता के लिए जो खर्चा होता है, उसमें प्रॉपर्टी टैक्स का उपयोग किया जाता है। पिछले कुछ सालों से नगरपालिका है जलकर के रूप में एक बड़ी राशि और सफाई के नाम पर भी अलग से बिल बना रही है। ऐसी स्थिति में सरकार को प्रॉपर्टी टैक्स कम करना चाहिए लेकिन जनता का भी टैक्स का विरोध नहीं करती इसलिए सरकार मनमानी करती रहती है।

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