SCHOOL OPEN: स्कूल खोलने के लिए सरकार ने SOP जारी किया - Government issues SOP to open school

Government issues standard operating procedure to open school

नई दिल्ली। कोरोनावायरस का संक्रमण ना तो कम हुआ है और ना ही थामा है बल्कि बढ़ता जा रहा है बावजूद इसके प्राइवेट स्कूलों के दबाव में सरकार ने स्कूल संचालन के लिए SOP (standard operating procedure) जारी कर दिया है। जिस प्रोटोकॉल का पालन मंत्रालय और पॉलिटिकल पार्टियों के कार्यक्रमों में नहीं हो रहा, सरकार को पूरा विश्वास है कि स्कूलों में उसी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्कूलों की 9 से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं आंशिक रूप से शुरू करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर यानी SOP (standard operating procedure) जारी किया है। अनलॅाक 4 के तहत केंद्र सरकार ने क्लास 9 से लेकर 12 तक के छात्रों को स्वैच्छिक आधार पर माता-पिता की लिखित सहमति के बाद स्कूल जाकर टीचर से सलाह लेने की इजाजत दी थी। उस समय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि उनकी NOC के बिना स्कूल ओपन नहीं होंगे परंतु अचानक स्कूलों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी कर दी गई। पेरेंट्स की लिखित अनुमति प्राइवेट स्कूलों के लिए कोई बड़ी शर्त नहीं है क्योंकि ग्राउंड जीरो पर प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल गांव के साहूकार की तरह बर्ताव करते हैं और पेरेंट्स कर्जदार किसान की तरह। प्रिंसिपल जिस कागज पर कहेंगे पेरेंट्स को हस्ताक्षर करने पड़ेंगे।

स्कूल खोलने के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन / Government of India Guidelines for opening school

- कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्र, टीचर या अन्य कर्मचारियों को स्कूल आने की इजाजत नहीं होगी।
- छात्र और टीचर 6 फीट की दूरी के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे।
- स्कूल के दरवाज़ों के बाहर थर्मल स्क्रीनिंग होगी ताकि छात्रों और शिक्षकों के तापमान की जांच हो सके।
- कुछ समय के अंतराल पर हाथ धोना, फेस मास्क पहनना और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा।
- स्कूल में बिना किसी कारण थूकना मना होगा और तबीयत खराब होने पर तुरंत रिपोर्ट करना पड़ेगा।
- असेंबली और खेलकूद से जुड़ी गतिविधियां नही होगी क्योंकि इससे संक्रमण के फैलने का जोखिम होगा।
- छात्रों को आपस में नोटबुक, पेन, पेंसिल, रबर, वाटरबॉटल एक दूसरे को लेने-देने की इजाज़त नहीं होगी।
- स्कूलों में राज्य हेल्पलाइन नंबरों के अलावा स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के नंबर भी डिस्प्ले होंगे ताकि किसी इमर्जेंसी की स्थिति में उनसे संपर्क किया जा सकें।

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