भोपाल। अंततः सबको पता चल ही गया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के सिंघम राधेश्याम जुलानिया माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड, भोपाल में काम कर रहे हैं। एमपी बोर्ड में यह पहला मौका है जब राधेश्याम जुलानिया का विवाद ऑफिस की चारदीवारी से निकलकर बाहर आ गया। सोमवार 7 सितंबर से जुलानिया की ऑनलाइन क्लास शुरू होनी थी परंतु ऐन मौके पर रद्द कर दी गई।
मध्य प्रदेश के सबसे सीनियर आईएएस अफसरों में से एक श्री राधेश्याम जुलानिया ने शिक्षा मंत्री की सहमति से ऑनलाइन क्लास की तैयारियां की थी। माध्यमिक शिक्षा मंडल के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री जुलानिया ने नई शिक्षा नीति के तहत पूरा कार्यक्रम बनाया था जिसमें मध्य प्रदेश के 25 सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को भी शामिल किया गया था लेकिन जैसे ही कार्यक्रम की घोषणा हुई और सरकारी प्रेस रिलीज में श्री राधेश्याम जुलानिया का नाम आया, हमेशा की तरह उनके नाम के साथ विवाद भी शुरू हो गया। शिक्षा विभाग ने इस कार्यक्रम पर कड़ी आपत्ति जताई।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एमपी बोर्ड का काम परीक्षा लेना और उसके संबंध में नीति निर्धारण करना है। शिक्षा नीति बनाना उनका काम नहीं है। इसी के कारण पीएस स्कूल शिक्षा विभाग ने इस आदेश को निरस्त कर दिया। माशिमं ने हाईस्कूल और हाई सेकेंडरी विद्यालय, विद्यार्थी, शिक्षकों के लिए माशिमं नाम से एप तैयार करवाया। इसमें सभी को नामांकन करना अनिवार्य कर दिया। इसके जरिए ही परीक्षा आवेदन पत्र भरना, शुल्क जमा करना, होम असाइनमेंट और प्राप्तांक दिए जाना तय किया था।
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