भोपाल। कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी की कोरोना से हुई मृत्यु के संदर्भ में वेदांता अस्पताल के डॉक्टरों ने भोपाल के निजी मेडिकल कालेज के लाईन आफ ट्रीटमेंट पर संदेह जाहिर किया है। मध्य प्रदेश सरकार को निजी मेडिकल कॉलेजों में कोरोना से हुई मृत्यु के प्रकरणों का डेथ ऑडिट करानी चाहिए। इस आडिट के निष्कर्ष सार्वजनिक किए जायें। बता दें कि श्री दांगी का इलाज भोपाल स्थित चिरायु अस्पताल में किया गया था।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी द्वारा सार्वजनिक किये इस तथ्य को चिंतनीय बताया है। इस घटना से चिरायु अस्पताल में कोरोना मरीजों के चल रहे ट्रीटमेंट पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
गुप्ता ने कहा कि यह एक गंभीर घटना है अगर कमलनाथ जी जैसे राष्ट्रीय नेता को डाक्टरों ने वस्तुस्थिति बताई है तो सरकार इसकी जांच कराये। एक जनप्रतिनिधि की मौत अगर इलाज में लापरवाही के कारण होती है तो सामान्य जनों के साथ क्या हो रहा होगा इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
गुप्ता ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार को इलाज के दौरान की जा रही गफलतों पर संदेह समाप्त करने के लिए निजी मेडिकल कॉलेजों में कोरोना से हुई मौतों का डेथ ऑडिट कराया जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। सरकार इस जांच में विशेषज्ञों को शामिल कर जनआशंकाओं को निर्मूल सिद्ध करे।
सरकार यह भी सार्वजनिक करे कि इन अस्पतालों में मेडीकल स्टाफ और चिकित्सकों की क्या उपलब्धता मरीजों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त है?सरकार यह भी सार्वजनिक करे कि निजी चिकित्सालयों को कोरोनाकाल में कितने करोड़ रुपयों का भुगतान किया गया है।
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