इंदौर। कोरोनावायरस महामारी से पहले तक लावारिस व्यक्ति के अंतिम संस्कार के प्रति दर्जनों समाज सेवी संस्थाएं और स्थानीय प्रशासन काफी संवेदनशील हुआ करते थे परंतु अब मरने वालों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि लाशों की तरफ कोई ध्यान ही नहीं दे रहा। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल MY HOSPITAL में एक व्यक्ति की लाश अंतिम संस्कार का इंतजार करते-करते कंकाल बन गई लेकिन किसी ने उसका अंतिम संस्कार नहीं किया। जब मामला मीडिया की सुर्खियों में आया अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में कंकाल को मोर्चरी से हटा दिया।
लाश का ना तो पीएम किया गया नाही प्रक्रिया, स्ट्रेचर पर पड़े पड़े कंकाल बन गई
यहां पर 16 फ्रीजर हैं, जहां बॉडी को रखा जाता है। अगर कोई अज्ञात शव पुलिस बरामद करती है तो उसे पीएम के लिए MYH भेजा जाता है। पोस्टमॉर्टम (पीएम) के बाद शव का नगर निगम या NGO द्वारा अंतिम संस्कार करवा दिया जाता है। बताया जा रहा है कि जो बॉडी कंकाल बन गई, उसका न तो पीएम हुआ और न कोई प्रक्रिया। उसे जिस तरह से स्ट्रेचर पर लाया गया था, उसी तरह से पड़ा रहने दिया गया।
MYH अधीक्षक का बयान
एमवायएच अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर का कहना है कि बॉडी 10 दिन पुरानी है। अज्ञात की बॉडी हम एक हफ्ते तक रखते हैं, ताकि पहचान हो सके। बॉडी के अंतिम संस्कार को लेकर निगम को कॉल किया है या नहीं, इसके लिए केजुअल्टी इंचार्ज को नोटिस जारी किया जा रहा है। इसके बाद किसकी लापरवाही है, यह तय किया जाएगा। इसके बाद जिम्मेदार पर कार्रवाई की जाएगी।
इंदौर में लाशों की संख्या बढ़ गई है, हमें परेशानी आ रही है
डॉक्टर ठाकुर के अनुसार, बॉडी को हटवा दिया गया है। इस समय हमारे पास नॉर्मल और कोविड दोनों तरह की बॉडी आ रही हैं। लिहाजा इसे रखने के लिए जगह कम पड़ रही है। कहीं भी डेथ होती है तो उसकी बॉडी एमवायएच में ही आती है। हमारे पास अभी 16 फ्रीजर हैं, लेकिन कई बार एक दिन में ही 21 से 22 डेथ हो जाती हैं। ऐसे में हमारे पर सीमित संसाधन हैं। हमने और फ्रीजर लगवाने को लेकर पत्र लिखा है।
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