GWALIOR में शिवराज, सिंधिया हो या कमलनाथ, गाइडलाइन तोड़ी तो कलेक्टर को कार्रवाई करनी होगी: हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश - MP NEWS

ग्वालियर। मध्यप्रदेश उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान के दौरान शिवराज सिंह सरकार, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी ग्वालियर में ताबड़तोड़ कार्यक्रम कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। जनहित याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर दिए हैं। हाईकोर्ट ने कलेक्टर को पाबंद किया है। आज के बाद ग्वालियर में यदि किसी भी राजनीतिज्ञ सरकारी कार्यक्रम में गाइड लाइन का उल्लंघन हुआ तो हाई कोर्ट आयोजक एवं कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

ग्वालियर कलेक्टर-एसपी को हाई कोर्ट का नोटिस: नेताओं को गाइडलाइन उल्लंघन करने से क्यों नहीं रोका

हाई कोर्ट ने तीन वकीलों को न्याय मित्र भी बनाया है। जिनका काम राजनीतिक गतिविधि या अन्य किसी आयोजन में कोरोना गाइड लाइन की अवहेलना होने पर प्रिंसीपल रजिस्ट्रार के माध्यम से हाई कोर्ट को अवगत कराना है। साथ ही कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को नोटिस भी जारी किए हैं। इसका जवाब 28 सितंबर तक प्रस्तुत करना है।

हाई कोर्ट की युगल पीठ ने शुक्रवार को राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की थी। इस मामले में अंतरिम आदेश जारी कर दिए गए हैं।कोर्ट ने कहा है कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि कोरोना की महामारी तेजी से फैल रही है। केन्द्र या राज्य ने कोरोना को लेकर गाइड लाइन भी जारी की है। 

राजनीतिक कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ तो कलेक्टर जिम्मेदार: हाई कोर्ट

याचिकाकर्ता के वकील ने कई फोटोग्राफ भी प्रस्तुत किए हैं। बिना समुचित साक्ष्य के इन फोटोग्राफ को कनेक्ट नहीं किया जा सकता है। यदि यह फोटोग्राफ अभी की राजनीतिक गतिविधियों के हैं तो राजनेता व प्रशासनिक अफसर जो भी हैं, वह गैर जिम्मेदाराना तरीके से काम कर रहे हैं। आम आदमी, राजनेता एवं राज्य के मुखिया को भी कानून का सम्मान करना आवश्यक है। हाई कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि आगामी सुनवाई की दिनांक तक राजनीतिक व्यक्ति और प्रशासनिक अधिकारी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूर्ण रूप से पालन करेंगे। जिले के कलेक्टर इसका पालन सुनिश्चित कराएंगे।

ग्वालियर में तीन वकीलों को न्याय मित्र बनाया, राजनीतिक कार्यक्रमों पर नजर रखेंगे

हाई कोर्ट ने तीन वकीलों को न्याय मित्र नियुक्त किया है। इसमें एड. संजय द्विवेदी, राजू शर्मा, वीडी शर्मा शामिल हैं। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि न्याय मित्रों से अपेक्षा की जाती है कि वह किसी के भी द्वारा कोरोना गाइड लाइन की अवहेलना किए जाने पर प्रिंसीपल रजिस्ट्रार के माध्यम से हाई कोर्ट को अवगत कराएंगे। जिससे केस पर जल्दी सुनवाई हो सके।

जनहित याचिका में यह बिंदु शामिल थे

अधिवक्ता आशीष प्रताप सिंह ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें कहा था कि कोविड-19(कोरोना) की वजह से शादी, अन्य सामाजिक कार्यक्रम व अंत्येष्टी में ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने की इजाजत नहीं है, लेकिन शहर में हो रहे राजनीतिक कार्यक्रमों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। इससे कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 200 से अधिक मरीज निकल रहे हैं। शहर में होने वाली सभाओं को प्रतिबंधित किया जाए।

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