इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर छात्रों के साथ ठगी का मामला सामने आया है। प्रदेश की नंबर वन स्टेट यूनिवर्सिटी के नाम से न केवल फर्जी वेबसाइट बनाकर समानांतर व्यवस्था चलाई गई, बल्कि सैकड़ों छात्रों के साथ धोखा भी किया गया। सामान्य तौर पर यूनिवर्सिटी मूल प्रति के 500 रुपए लेती है, जबकि उसकी कॉपी बनाने के 300 रुपए लिए जाते हैं, लेकिन इस वेबसाइट के जरिए महज एक घंटे में ट्रांस्क्रिप्ट बनाकर दिए जाने की बात सामने आई है। ये लोग मूल प्रति के 4500 और कॉपी के 700 रुपए लेते थे।
छात्र ट्रांस्क्रिप्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं। ओरिजनल वेबसाइट dauniv.ac.in पर ही आवेदन किया जाता है, मगर फर्जी वेबसाइट में ट्रांस्क्रिप्ट शब्द जोड़ा गया था, ताकि छात्र असमंजस में पड़ जाएं। ट्रांस्क्रिप्ट में छात्र की सभी सेमेस्टर की मार्कशीट के अंक एक साथ दिए होते हैं। यह विदेश में आगे की पढ़ाई और जॉब के दौरान मांगे जाते हैं। Davvindoretranscripts.com नाम से फर्जी वेबसाइट बनाने वाले गिरोह के लोग छात्रों के ऑनलाइन आवेदन के साथ ही 4500 रुपए फीस भी लेते थे। 24 घंटे के भीतर यूनिवर्सिटी में 500 रुपए फीस जमा कर आवेदन कर देते थे, ताकि यूनिवर्सिटी की ओर से तय समय पर छात्र के पास ओरिजनल ट्रांस्क्रिप्ट पहुंच जाए। बदले में फर्जी वेबसाइट चलाने वाले को चार हजार रुपए हर ट्रांस्क्रिप्ट के मिल जाते थे।
शिकायत करने वाले एनएसयूआई के विकास नंदवाना ने आरोप लगाया कि यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा था। इसमें यूनिवर्सिटी के कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं। कुलपति को सौंपे ज्ञापन में जांच कराने और एफआईआर की मांग की गई है। वहीं इस मामले में रजिस्ट्रार अनिल शर्मा का कहना है कि मामले जांच कराकर जल्द ही एफआईआर कराई जाएगी।
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