भोपाल। KAROND MULTY SPACIALITY HOSPITAL निशातपुरा में कोरोनावायरस से संक्रमित महिला की मौत हो गई। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा था। परिजनों का कहना है कि हाई फ्लो ऑक्सीजन नहीं होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। बताया कि इनके पति की मृत्यु भी कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण हुई। उन्हें बेड खाली ना होने के कारण भोपाल के किसी भी अस्पताल में भर्ती नहीं किया था। वह एंबुलेंस में तड़प-तड़प कर मर गए।
शोभा फ्रांसिस के भाई आनंद फ्रांसिस ने आरोप लगाया है कि यदि ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति होती तो उनकी बहन की मौत नहीं होती। दो बार उन्होंने खुद ही ऑक्सीजन की व्यवस्थाएं सही कराईं फिर भी बहन शोभा को नहीं बचाया जा सका। आनंद फ्रांसिस ने बताया कि उनकी मां और भांजी का इलाज भी इसी सेंटर में चल रहा है। वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि आनंद फ्रांसिस के आरोप निराधार हैं। हमने तो उनका खूब सपोर्ट किया।
चिरायु, हमीदिया और जेके अस्पताल कहीं भर्ती नहीं किया गया, एंबुलेंस में मौत
आनंद फ्रांसिस ने बताया कि बहन से पहले जीजाजी मिस्टर युनुस को भी सांस लेने में दिक्कत के चलते आष्टा से भोपाल लाया गया था लेकिन चिरायु, हमीदिया, जेके अस्पताल कहीं भी बेड खाली नहीं मिला। इसके चलते उनकी भी 12 सितंबर की रात को मौत हो गई थी।
जेपी में ऑक्सीजन खत्म होने से हड़कंप
बुधवार को जेपी अस्पताल में सुबह ऑक्सीजन के सिलेंडर खत्म हो गए। इसके बाद दोपहर तक पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल रहा। आनन-फानन में यहां स्टॉक में रखे अतिरिक्त छोटे सिलेंडर लगाकर काम चलाना पड़ा। करीब साढ़े तीन बजे ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकी। जब इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन से चर्चा की गई तो उन्होंने ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त होने की बात कहकर इसे अफवाह बताया है।
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