जिस कॉलेज का भूमिपूजन सीएम शिवराज करने वाले हैं, उसकी जमीन मफियाओं ने करोडों में बेच दी / Bairad News

शिवपुरी। खबर जिले के पोहरी अनुविभाग की बैराड नगर पंचायत के कालामढ क्षेत्र से आ रही हैं। कालामढ के नाम से सभी परिचित होगें,यह की सरकारी जमीन भूमाफिया सालो से प्लाट बनाकर बैच रहे हैं। अब इस भूमि पर उच्च शिक्षा के लिए एक कॉलेज मंजूर हुआ हैं।जिले के अपने दौरे पर सीएम शिवराज सिंह मजूंर हुए इस कॉलेज की जमीन का भूमि पूजन करने वाले हैं,लेकिन धरातल पर जमीन नही हैं यह प्लाट के रूप में परिवर्तित होकर मकान बन गए है।

कालामढ का कालासच शिवपुरी की मीडिया ने कई बार प्रकाशित किया है। कालामढ के काले कारनामो से भरे शिकायती आवेदन तात्कालिन कलेक्टर राजकुमान पाठक से लेकर कलेक्टर राजीवचंद्र दुबे की चौखट पर अपने दम तोड चुके हैं,जब इन कलेक्टरो ने इस मामले में शुद्ध जांच नही की और अपने तात्कालिनक एसडीएम और बैराड के नायब तहसीलदारो की लाभ लगी रिर्पोटो पर मोहर लगाने लगे तो मामला हाईकोर्ट में जनहित याचिका के रूप में पहुंच चुका है।

लोकायुक्त में भी मामला विचारा धीन हैं। लेकिन कार्रवाई के नाम पर रिजल्ट शून्य निकला है। अब मूल खबर की ओर वापस चलते है। बैराड़ तहसील के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए कस्बे से बाहर न जाना पड़े इसलिए लंबी समय तक चली मांग के बाद प्रदेश सरकार से कॉलेज मंजूर हुआ था । छह दिन बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस कॉलेज की बिल्डिंग के लिए भूमिपूजन करने आने वाले थे।

लेकिन इससे पहले ही बड़ा खुलासा हुआ है । कॉलेज के लिए आवंटित जमीन को भूमाफिया ने बेच दिया है। कॉलेज बिल्डिंग के लिए कालामगढ़ हल्के में सरकारी जमीन पर पचास से अधिक कब्जे हैं। जमीन को खुर्दबुर्द कराने में तत्कालीन पटवारी व राजस्व अधिकारी जिम्मेदार हैं। नोटरियों के आधार पर भूमाफियाओं ने जमीनें बेची हैं ।


खासबात यह है कि कॉलेज सहित अन्य सरकारी जमीनों को बेचने वाले भू माफिया और जिम्मेदार अधिकारी पटवारी व तहसील के बाबू के खिलाफ साल 2012 में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी प्रशासन अभी तक कॉलेज की जमीन से अतिक्रमण नहीं हटा पाया है ।

पोहरी उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का 12 सितंबर का दौरा कार्यक्रम बना हैं। लोगों को कॉलेज की सौगात दिलाने की मंशा से भूमिपूजन की तैयारी चल रही हैं। ऐसे में भले ही भूमिपूजन हो जाएगा, लेकिन बिना अतिक्रमण हटाए कॉलेज बिल्डिंग बनना मुश्किल हैं।

कॉलेज के लिए साल 2007-08 में कालामगढ़ हल्के में सर्वे नंबर 571/1 में 2 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई। उक्त समय दस्तावेजों में जमीन पर कब्जा ना होने का जिक्र भी किया था। लेकिन बाद में अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। स्थानीय नेता अधिकारी,पटवारी व तहसील बाबू ने मिलकर  ने जमीन नोटरी करा दी और इन भूमाफियाओ ने नौटरी कराकर दूसरे लोगों को बेच दी ।

वर्तमान में जमीन खसरे में शासकीय होने के साथ कैफियत कॉलम में सूर्यनारायण पुत्र गंगाराम , मेहबूब पुत्र रहमत शाह , गीता पत्नी रामसिंह परिहार , अतुल पुत्र निर्मल गुप्ता , देवेंद्र पुत्र प्रेम गुप्ता , मनीराम पुत्र बुद्धू कुशवाहा , राजू पुत्र मुन्ना बाथम , केशव पुत्र घनसुंदर शर्मा , हजारी पुत्र रामजी परिहार , धीरजसिंह पुत्र तेजसिंह रावत , सीताराम पुत्र बाबूलाल , सूरज सिंह पुत्र तेजसिंह,सिंघरसिंह पुत्र सरवन रावत आदि के नाम कब्जा दर्ज है ।


कॉलेज के लिए करीब दस बीघा जमीन आवंटित कर 29 फरवरी 2008 को उच्च शिक्षा विभाग को दे दी। लेकिन जब बैराड पंचायत थी और इसकी सीमा से लगी कालामढ पंचायत की जमीन भू माफिया की नजर खाली पड़ी जमीन पर पड़ी और निजी बताकर प्लाटिंग कर दी।


वर्तमान में दस में से लगभग दो बीघा जमीन ही बची है । वर्तमान में पदस्थ पटवारी अभिषेक मिश्रा का कहना है कि कॉलेज के लिए आवंटित जमीन संबंधी उनके पास कोई दस्तावेज नहीं हैं । तहसीलदार राजेंद्र जोशी जानकारी जुटाने की बात कहते नजर आए ।

कॉलेज के लिए आवंटित जमीन मामले में जांच चल रही है जमीन पर कितने लोगों का कब्जा हैं।इस बारे में तहसीलदार बता पाएंगे। हालांकि अभियान के दौरान कुछ अतिक्रमण हटाए भी गए थे। कॉलेज के लिए आवंटित जमीन मामले में जांच चल रही हैं। इस मामले को बैराड़ तहसीलदार देख रहे हैंं।
जेपी गुप्ता,एसडीएम पोहरी


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