प्रति, मुख्य सचिव महोदय, मध्यप्रदेश शासन मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल! महोदय, उपरोक्त विषयांतर्गत निवेदन है कि वर्तमान में मध्यप्रदेश के 53 जिले हैं जिनमें से मात्र 2 जिलों में अनुसूचित जाति वर्ग एवं 2 जिलों में अनसूचित जनजाति वर्ग के कलेक्टर पदस्थ हैं। मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की कुल जनसंख्या लगभग 40 प्रतिशत है। मध्यप्रदेश का विकसित राज्य न होने का मुख्य कारण अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग का मुख्य धारा से अलग होना है। माननीय मुख्य मंत्री जी एवं आप मध्यप्रदेश को विकसित राज्य बनाकर देश में प्रथम स्थान लाने के लिए कृतसंकल्पित है।
महोदय देश को स्वतंत्र हुए लगभग 70 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है किंतु जिलों में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के कलेक्टरों की पदस्थापना नहीं होने से इस वर्ग की जो मूलभूत आवश्यकता एवं शासन के जो हितकारी नियम हैं उनको लागू करने में अन्य वर्ग के कलेक्टर रूचि नहीं रखते है या रखते भी हैं तो कम। प्रदेश के जिलों में यदि अनसचित जाति-जनजाति वर्ग के कलेक्टर होंगे तो इस वर्ग की मूलभूत समस्याओं को दूर करने की दिशा में समुचित निर्णय लेंगे और शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
अतः संघ का आपसे विनम्र अनुरोध है कि प्रदेश के कम से कम 40 प्रतिशत जिलों में अनुसचित जाति-जनजाति वर्ग के कलेक्टरों की पदस्थापना की जाये ताकि वे प्रदेश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।
(एस.एल.सूर्यवंशी) प्रांतीय महासचिव (प्रशासन)
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