शासकीय जमीन के फर्जी पट्टे कराने वाला गिरोह का मास्टर माइंड गिरफ्तार,लगभग 2 करोड़ की हेराफेरी - SHIVPURI NEWS

शिवपुरी। शिवपुरी पुलिस के हाथ एक शिकायत की जांच करते हुए ऐसे गिरोह की गिरेहबान तक पहुंच गए जिसने शासकीय जमीन के फर्जी पट्टे कराने के नाम पर लोगो से धोखाधडी कर लगभग 2 करोड़ का चूना लगाया हैं। बताया जा रहा हैं कि इस गिरोह में राजस्व विभाग के अधिकारी बाबू और पटवारियो की मिली भगत की तस्वीर सामने आ रही हैं। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। 

जानकारी के अनुसार पोहरी विधानसभा की बमरा पंचायत के गाव गणेश देहरदा के किसान तोमर सिंह धाकड अपनी जमीनो के कागजो के सिलसिले में तहसील में आना-जाना होता था। तोमर सिंह की मुलाकात पोहरी तहसील में सोनू राठौर से हुई सोनू ने अपने आप को पोहरी तहसील का रीर्डर बताया। तोमर सिंह ने बताया कि सोनू राठौर ने उसे डेढ करोड़ की बाजार मूल्य की जमीन जो ढाई बीघा थी और पोहरी रोड पर सोनपुरा पंचायत में स्थित हैं उसे दिखाया ओर कहा की इस जमीन में तुम्हारे नाम पट्टा करवा देता हूं,मैं लालच में आ गया और पट्टा करवाने के लिए राजी हो गया।

बताया गया है कि तोमर सिंह का सोनूू राठौर का 30 लाख रूपए में डील फायनल हो गई। तोमर सिंह ने पैसे जुटाने के लिए अपनी जमीन बेच दी तय डील के अनुसार 25 लाख रूपए केश सोनू राठौर को दिए और 5 लाख रूपए काम होने के बाद। सोनू ने तोमर सिंह को विश्वास दिलाने के लिए 25 लाख रूपए का चैक भी थमा दिया कि अगर काम ना हो तो यह चैक आप रख लो।

बताया जा रहा हैं कि सोनू ने तोमर सिंह को सौनपुरा स्थित पंचायत की जमीन के पट्टे कागज भी दे दिए। जब तोमर सिंह ने इस जमीन के पटटे के कागजो को चैक कराए तो उसके पैरो के तले से जमीन खिसक गई पट्टे के कागज फर्जी निकले।

तोमर सिंह ने इस पूरे मामले की शिकायत 16 सितम्बर को शिवपुरी आकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय मेें दिया। इस मामले में पुलिस तत्काल सक्रिय हुई और एसडीओपी पोहरी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय एसआईटी गठित की गई।

एसआईटी द्वारा मूल आरोपी सोनू राठौर को हिरासत में लिया गया उससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसने सत्यम उर्फ बीनू श्रीवास्तव निवासी बैराड़ के साथ मिलकर सैकड़ों हेक्टेयर शासकीय जमीन के फर्जी पट्टे तैयार किए हैं,

इन पट्टों के लिए शासकीय रिकॉर्ड तहसील कार्यालय पोहरी के सहायक ग्रेड-3 प्रीतम एवं कैलाश उपलब्ध कराते थे, जबकि बंदोबस्त के समय का अधिकार अभिलेख एवं मूल खसरे कलेक्ट्रेट कार्यालय के रिकॉर्ड शाखा में पदस्थ बाबू प्रतापपुरी एवं जीतू उपलब्ध कराते थे,

इन रिपोर्ट के माध्यम से हम धारा 115, 116 के फर्जी आदेश, फर्जी पट्टे तैयार करते थे, सील सिक्के लगाकर फर्जी हस्ताक्षर करते थे, फिर इन आदेशों को बाबू के माध्यम से बैक डेट में दायरा रजिस्टर में इंद्राज कराकर खसरों की मूल प्रतियों में लिखते थे, और उन्हें रिकॉर्ड रूम में जमा करा देते थे।

इन आदेशों को कप्यूटर पर देवेंद्र गौड़ पटवारी दर्ज करवाता था। इस पूरे फर्जीवाड़े में कई अन्य पटवारी और कई शासकीय कर्मचारियों के संलिप्त होने की संभावना है। जो की आरोपी बीनू श्रीवास्तव के गिरफ्तार होने पर ही खुलासा हो पाएगा।

आरोपी सोनू राठौर की निशानदेही पर शिवपुरी के उसके लुधावली के कमरे से बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज एवं शासकीय दस्तावेज एवं फर्जी सीलें जप्त की गई हैं। अब तक की जांच में 147 लोगों को लगभग 250 हेक्टेयर शासकीय जमीन फर्जी पट्टे वितरित कर लगभग 1.5 से 2 करोड़ की राशि ठगी गई है, मामला विवेचनाधीन है।

उक्त कार्यवाही में एसआईटी टीम एसडीओपी पोहरी निरंजन सिंह राजपूत, थाना प्रभारी बैराड़ सतीश सिंह चौहान, उनि. अरविंद चौहान, उनि.योगेंद्र सिंह सेंगर, उनि. पूर्णिमा लांबे, थाना बैराड़ से महिला आरक्षक सपना, आरक्षक रामअवतार रावत, सुमित सेंगर एवं थाना पोहरी से आरक्षक राहुल एवं मुकेश परमार की सराहनीय भूमिका रही।


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