जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थानीय नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज के इंटर्न छात्रों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर काम करना बंद कर दिया है। छात्रों का कहना है कि शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में इंटर्न विद्यार्थियों को खुद की सुरक्षा के लिए दिए जाने वाले मास्क, ग्लव्स और किट प्रशासन द्वारा नहीं दिए जा रहे हैं।
छात्रों का कहना है कि विगत 4 महीनों से इंटर्न को स्टायपंड नहीं दिया जा रहा है। उनका आरोप है कि स्टायपंड की राशि अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है। वहीं मुख्यमंत्री द्वारा घोषित की गई प्रोत्साहन राशि की भी अनदेखी की जा रही है। काॅलेज के छात्रों का आरोप है कि इंटर्न छात्रों को डॉक्टर नही समझा जाता। नर्सेज से मास्क मांगने पर कहा जाता है कि मास्क सिर्फ डॉक्टर के लिए हैं, इंटनर्स के लिए नहीं। ऐसा अधीक्षक द्वारा कहा गया है।
वहीं छात्रों के अनुसार कोविड में डयूटी करने के बावजूद 7 दिवस का क्वारंटाइन नहीं दिया जा रहा है। 2 इंटर्न छात्राएं कोविड पॉजिटिव पाई गई इसके बावजूद बाकियों को काम करने के लिए विवश किया जा रहा है जबकि उनकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। वहीं डीन को इसके बारे में सूचित करने पर कोई भी कार्यवाही नही की जा रही है। जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर आदेश जारी किया जा चुका है। इन सब अनदेखियों के कारण इंटर्न छात्र- छात्राओं ने काम करने से मना कर दिया हैै। छात्रों के अनुसार जब तक इन सब चीजों पर विचार नही किया जाएगा वे काम नहीं करेंगे।
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