जालसाज कुछ भी कर सकते हैं। सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर का खेल सदियों पुराना है। लोग बड़ी ही चतुराई के साथ किसी दस्तावेज पर लगी हुई सरकारी मुहर को मिटा देते हैं या फिर सरकारी स्टांप पेपर में छेड़छाड़ करते हैं। भारतीय दंड संहिता 1860 में इस तरह की जालसाजी के लिए धारा 261 के तहत दंड का प्रावधान किया गया है।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 261 की परिभाषा:-
अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी दस्तावेजों की सील (मुहर) को हटाएगा या मिटाएगा एवं असली स्टाम्प की कोई लेख की लिखावट को मिटाएगा या स्टाम्प की छाप को हटाएगा या मिटाएगा। वह व्यक्ति धारा 261 के अंतर्गत दोषी होगा।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 261के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं। यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई का अधिकार प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट को होता है। सजा- तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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