इंदौर। महानगर इंदौर की दो नंबर विधानसभा भारतीय जनता पार्टी का गण मानी जाती है। श्री रमेश मेंदोला यहां से विधायक हैं। श्री कैलाश विजयवर्गीय इसी सीट से अपने चिरंजीव श्री आकाश विजयवर्गीय को चुनाव लड़ना चाहते थे। आज श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्वागत में लगाए गए बैनर में श्री कैलाश विजयवर्गीय और श्री रमेश मेंदोला के फोटो गायब थे। इसी कारण यह बैनर काफी चर्चा में रहा।
सिंधिया के साथ कांग्रेस से भाजपा में आए मोहन सिंह सेंगर ने लगवाया है विवादित बैनर
बताया जा रहा है कि इस विवादित बैनर को श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए श्री मोहन सिंह सेंगर द्वारा लगाया गया है। श्री सिंह ने अपने बैनर में भारतीय जनता पार्टी के सभी नेताओं के फोटो प्रकाशित करवाए परंतु राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय एवं स्थानीय विधायक श्री रमेश मेंदोला के नाम तक नहीं लिखवाए। विजयवर्गीय गुट के लोगों का कहना है कि जब खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया मेंदोला और विजयवर्गीय से मिलने आ रहे हैं तो फिर इस तरह का बैनर लगाकर विवाद उत्पन्न करने की आवश्यकता क्या थी।
2018 के विधानसभा चुनाव में मोहन सेंगर और रमेश मेंदोला के बीच कड़ा मुकाबला था
इंदौर-2 से 2018 के विस चुनाव में भाजपा के रमेश मेंदोला ने कांग्रेस के मोहन सेंगर को 70331 वोटों से हराया। यहां से 2013 में भाजपा के रमेश मेंदोला ने 91017 से जीत दर्ज की थी। इस बार भाजपा ने पहले यहां से दो लाख से अधिक वोटों से जीतने का दावा किया था। हालांकि कांग्रेस ने जब यहां से मोहन सेंगर को मैदान में उतारा तो भाजपा ने सामने तगड़ा उम्मीदवार देख यह कहना शुरू कर दिया कि इस बार एक लाख से अधिक वोटों से जीतेंगे। हालांकि मोहन सेंगर ने यहां से तगड़ा मुकाबला किया और भाजपा की 91 हजार की जीत को 70 हजार पर ला दिया था।
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