शिवपुरी। कांग्रेस के लिए इस समय करो या मरो जैसी स्थिती हैं,कांग्रेस में अभी यह पता नही चल रहा हैं कि कोन कांग्रेसी हैं ओर कौनना नेता सिंधिया और भाजपा का जासूस। अब ऐसे जासूसो के लिए कांग्रेेस ने नई रणनीति बनाई हैं। ऐसे जासूसो से अब सिंधिया और भाजपा के खिलाफ प्रेस में बयान जारी कराने की रणनीति बनाई हैं।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पूर्व सीएम कमलनाथ का एक फरमान इन दिनों राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। उन्होंने 19 जून को भोपाल में आयोजित पार्टी की बैठक में जिन 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उन क्षेत्रों के जिलाध्यक्षों को निर्देश दिए कि जिस कार्यकर्ता पर यह शक हो कि वह चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया या भाजपा के साथ जा सकता है तो ऐसे कार्यकर्ता से सिंधिया या भाजपा के विरोध में मीडिया में बयान जारी कराओ।
बयान जिलाध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी हों। शक के दायरे में आ रहा कार्यकर्ता अगर बयान पर हस्ताक्षर नहीं करे या आनाकानी करे तो उसे तत्काल पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दो । प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें 22 विधानसभा सीटें ऐसी है , जहां के विधायकों ने सिंधिया के समर्थन में पद से इस्तीफा दिया।
ऐसे में कांग्रेस को लग रहा है कि इन क्षेत्रों में अब भी कई सिंधिया समर्थक कांग्रेस में ही हैं। कहीं ऐसा न हो, ऐन चुनाव के वक्त यह कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़कर सिंधिया या भाजपा के साथ चले जाएं। ऐसे में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने संबंधित जिलाध्यक्षों से कहा कि जिन पार्टी नेताओं पर सिंधिया के या भाजपा में शामिल हो चुके पूर्व विधायकों के संपर्क में होने का शक हो, उनसे सिंधिया या फिर जिस भाजपा नेता के संपर्क में कार्यकर्ता हो,उसके खिलाफ मीडिया में बयान जारी कराओ।
जो कार्यकर्ता बयान जारी न करें या फिर बयान पर हस्ताक्षर करने में आनाकानी करे , उसे जिला कांग्रेस कमेटी ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दें।
प्रदेशाध्यक्ष ने कहा है कि बयान जारी कराओ
भोपाल में 19 जून को प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ जी के साथ मीटिंग थी । मीटिंग में जिन 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उन क्षेत्रों के पार्टी जिलाध्यक्ष व पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक में कमलनाथ जी ने निर्देश दिए थे कि जिन कार्यकर्ताओं पर सिंधिया या भाजपा के संपर्क में रहने या उनके साथ जाने का शक हो, उन कार्यकर्ताओं से सिंधिया या भाजपा नेता के खिलाफ संयुक्त ( जिलाध्यक्ष के साथ ) हस्ताक्षर से बयान जारी कराएं। अगर कार्यकर्ता बयान जारी नहीं करता तो उसे पार्टी के बाहर का रास्ता दिखाएं।
श्रीप्रकाश शर्मा, जिलाध्यक्ष , कांग्रेस
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