शिवपुरी। जिले में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग तमाम दावे कर रहा है। प्रतिदिन व्यवस्थाओं में सुधार का दाबा किया जा रहा है। प्रत्येक वार्ड में कागजों में अधिकारीयों को तैनात किया जा रहा है। परंतु धरातल पर स्थिति अत्यंत भयावय है। यहां कोई किसी की सुनने बाला नहीं है। कर्मचारीयों से लेकर अधिकारीयों तक जब लगातार फोन लगाए जाते है। परंतु सुनवाई नहीें हो पा रही है। इसका जीता जागता उदाहरण आज उस समय देखने को मिला जब एक एचडीएफसी बैंक में पदस्थ कर्मचारी महेंद्र माथुर ने कोरोना पॉजीटिव आने के बाद अपनी व्यथा सोशल मीडिया पर बायरल की।
महेन्द माथुर ने एक पत्र बायरल किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि उनकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उसे स्वास्थ्य विभाग ने होम आईसोलेट किया गया था। जिसकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है। लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ्य सुविधाएं उस तक नहीं पहुंची। जब स्वास्थ्य अधिकारियों ने पीडि़त परिवार की नहीं सुनी तो महेंद्र के पिता गुरूचरण माथुर ने एक पत्र लिखकर सीएमएचओ से मांग की है कि किसी डॉक्टर को उसके घर पर भिजवाने की कृपा करें। क्योंकि मेरी और मेरे पुत्र की तबीयत लगातार खराब होती जा रही है। यह पत्र श्री माथुर ने सोशल मीडिया पर वायरल कर मदद की गुहार लगाई है।
वायरल में पत्र में उल्लेख किया गया है कि मेरा पुत्र महेंद्र माथुर एचडीएफसी बैंक की रिपोर्ट 17 जुलाई 2020 को पॉजिटिव आई थी। जिसे होम आईसोलेट किया गया है। मेरी तबीयत पूर्व से खराब चल रही है। 12 दिन से लूजमोशन हो रहे हैं। प्रशासन ने घर का रास्ता बंद कर दिया है। अभी तक कोई डॉक्टर देखने नहीं आया। कृपया सीएमएचओ साहब से मिलकर किसी डॉक्टर को भिजवाने की कृपा करें। मेरी तबीयत बिगड़ती जा रही है। पैंशनर्स गुरूचरण माथुर उम्र 72 वर्ष निवासी सुभाष कॉलोनी कमलागंज शिवपुरी। इस पत्र के वायरल होने के साथ ही सोशल मीडिया पर एक बहस छिड़ गई है और लोगों का गुस्सा स्वास्थ्य विभाग और सीएमएचओ पर निकल रहा है।
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