शिवपुरी। कोरोना काल में नागपंचमी का त्यौहार भी लोगों ने घर पर रहकर मनाया। शनिवार की सुबह स्नान ध्यान कर नागदेवता की पूजा की गई। हालांकि इस बार सपेरे शहर से विलुप्त रहे। इसका कारण एक तो सांप लेकर घूमने पर लगी रोक और दूसरा लॉकडाउन था। हालांकि एकाध सपेरा अवश्य गलियों में घूमता देखा गया।
जहां लोगों ने नागदेवता की पूजा की और उन्हें दूध पिलाया। शास्त्रों में नागों को दूध पिलाने की नहीं बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है। लेकिन दूध पिलाने की प्रथा के कारण लोग सांप को दूध पिलाते हैं। पंचमी तिथि दोपहर 12:03 बजे समाप्त हुई। उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के उपरांत दोपहर 2:18 बजे हस्तनक्षत्र का प्रवेश शुरू हुआ तथा रवि योग की संयुक्त युक्ती बनी।
मंदिरों पर नहीं दिखी भीड़
लॉकडाउन के कारण नागपंचमी पर शिव मंदिरों पर लगने वाली भीड़ भी इस बार नदारत रही। हालांकि कुछ मंदिरों पर पूजन पाठ करने लोग अवश्य पहुंचे। लेकिन वहां सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते देखे गए। शहर के प्राचीन सिद्धेश्वर मंदिर पर शिव पूजन के साथ नागदेवता की भी पूजा की गई।
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