शिवुपरी। शहर के प्यासे कंठो की प्यास बुझाने वाली योजना पिछले कई सालों से मजाक बन कर रह गई हैं,114 करोड़ की लागत से बनी यह योजना के क्रियावन पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों को मड़ीखेड़ा योजना के तहत घर-घर कनेक्शन भी दिए, लेकिन जल सप्लाई 8 दिन में एक दिन हो रही है, जिससे लोगों के सामने गर्मी में जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
शहर के अधिकतम वार्डों में विद्युत मोटरें फुकी पड़ी हैं, लेकिन कोई अधिकारी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहा हैं। इतना ही नहीं शहर में मड़ीखेड़ा डैम की सप्लाई लगभग 8 दिन में एक दिन दी जा रही है। वह भी महज 40 से 45 मिनट तक सप्लाई देने के बाद पानी चला जाता है। इनमें कम समय के लिए सप्लाई दी जा रही है, जिसमें पूरा पानी नहीं भरा होता है। यह पानी 8 दिन भी नहीं चलता है, क्योंकि गर्मी के चलते कूलर सहित अन्य कामों के लिए पानी लगता है।
ऐसे में पानी की किल्लत हो रही है। पानी न मिलने से नाराज लोग आए दिन नगर पालिका में पानी की समस्या लेकर गुहार लगाते हुए देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं शहर में दर्जनों वार्डों में मोटर फूकी पड़ी होने के कारण नागरिक इन दिनों शहर में पीने के पानी को भी मौताज बने हुए हैं। अब देखना यह हैं जिलाधीश स्वयं नगर पालिका की प्रशासक अधिकारी हैं।
उनकी देख रेख में यदि शहर की जनता पीने के पानी को मोहताज बनी हुई हैं। उदाहरण के लिए आदर्शन नगर कॉलोनी, सर्किट हाउस रोड़, वार्ड क्रमांक 27 की प्रताप कुशवाह वाली वोर सहित पीएसक्यू लाईन सहित अन्य कॉलोनियों की मोटरें खराब हैं, कई दिनों से नगर पालिका सीएमओ से इस के लिए शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं हैं।
एक माह से परेशान हो रहे पानी के लिए नागरिक
लोगों का कहना है कि एक माह पहले उन्होंने कनेक्शन लिए थे। इसके बाद से वे पानी के लिए परेशान हो रहे हैं, जबकि नए कनेक्शन के चलते उनके पुराने कनेक्शन काट दिए हैं। नलकूप से लाइन को भी हटा दिया गया है, जिससे पानी की परेशानी हो रही है। लोगों का कहना है कि यदि नलकूप की लाइन से जुड़ाव होता तो वह पानी के लिए परेशान नहीं होते।
114 करोड़ की योजना के बाद भी लोगों के कंठ प्यासे
लोगों को पीने का पानी मिल सके इसके लिए मड़ीखेड़ा योजना तैयार की गई लेकिन इसकी लागत बढ़कर अब 114 करोड़ हो गई लेकिन प्यासी आवाम को अब तक इस योजना से सही तरीके से लगातार पानी की सप्लाई तक नहीं हो पा रही हैं जिसके चलते लोग परेशान हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि योजना से लगातार पानी मिले तब यह योजना सफल होगी।
मुख्य लाइन फूट जाती हैं जगह जगह से
मड़ीखेड़ा योजना के तहत जो पानी की मुख्य पाइप लाइन डाली गई हैं उसकी गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठ रहे हें। आए दिन पानी सप्लाई के दौरान मुख्य लाइन फूट जाती हैं जिससे जल सप्लाई बाधित होती हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि मड़ीखेड़ा योजना का पानी लगातार शहर में आना चाहिए और लोगों को हर रोज सप्लाई देनी चाहिए जिससे लोग पानी के लिए परेशान न हों।
शहर के अधिकतम वार्डों में विद्युत मोटरें फुकी पड़ी हैं, लेकिन कोई अधिकारी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहा हैं। इतना ही नहीं शहर में मड़ीखेड़ा डैम की सप्लाई लगभग 8 दिन में एक दिन दी जा रही है। वह भी महज 40 से 45 मिनट तक सप्लाई देने के बाद पानी चला जाता है। इनमें कम समय के लिए सप्लाई दी जा रही है, जिसमें पूरा पानी नहीं भरा होता है। यह पानी 8 दिन भी नहीं चलता है, क्योंकि गर्मी के चलते कूलर सहित अन्य कामों के लिए पानी लगता है।
ऐसे में पानी की किल्लत हो रही है। पानी न मिलने से नाराज लोग आए दिन नगर पालिका में पानी की समस्या लेकर गुहार लगाते हुए देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं शहर में दर्जनों वार्डों में मोटर फूकी पड़ी होने के कारण नागरिक इन दिनों शहर में पीने के पानी को भी मौताज बने हुए हैं। अब देखना यह हैं जिलाधीश स्वयं नगर पालिका की प्रशासक अधिकारी हैं।
उनकी देख रेख में यदि शहर की जनता पीने के पानी को मोहताज बनी हुई हैं। उदाहरण के लिए आदर्शन नगर कॉलोनी, सर्किट हाउस रोड़, वार्ड क्रमांक 27 की प्रताप कुशवाह वाली वोर सहित पीएसक्यू लाईन सहित अन्य कॉलोनियों की मोटरें खराब हैं, कई दिनों से नगर पालिका सीएमओ से इस के लिए शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं हैं।
एक माह से परेशान हो रहे पानी के लिए नागरिक
लोगों का कहना है कि एक माह पहले उन्होंने कनेक्शन लिए थे। इसके बाद से वे पानी के लिए परेशान हो रहे हैं, जबकि नए कनेक्शन के चलते उनके पुराने कनेक्शन काट दिए हैं। नलकूप से लाइन को भी हटा दिया गया है, जिससे पानी की परेशानी हो रही है। लोगों का कहना है कि यदि नलकूप की लाइन से जुड़ाव होता तो वह पानी के लिए परेशान नहीं होते।
114 करोड़ की योजना के बाद भी लोगों के कंठ प्यासे
लोगों को पीने का पानी मिल सके इसके लिए मड़ीखेड़ा योजना तैयार की गई लेकिन इसकी लागत बढ़कर अब 114 करोड़ हो गई लेकिन प्यासी आवाम को अब तक इस योजना से सही तरीके से लगातार पानी की सप्लाई तक नहीं हो पा रही हैं जिसके चलते लोग परेशान हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि योजना से लगातार पानी मिले तब यह योजना सफल होगी।
मुख्य लाइन फूट जाती हैं जगह जगह से
मड़ीखेड़ा योजना के तहत जो पानी की मुख्य पाइप लाइन डाली गई हैं उसकी गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठ रहे हें। आए दिन पानी सप्लाई के दौरान मुख्य लाइन फूट जाती हैं जिससे जल सप्लाई बाधित होती हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि मड़ीखेड़ा योजना का पानी लगातार शहर में आना चाहिए और लोगों को हर रोज सप्लाई देनी चाहिए जिससे लोग पानी के लिए परेशान न हों।
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