पिछोर। पिछोर के ग्राम दुर्गापुर में कियोस्क सेंटर संचालित करने वाले कियोस्क संचालक सतेंद्र पुत्र महेंद्र यादव निवासी कोटरा के खिलाफ पुलिस ने 22 आदिवासी महिलाओंं के खाते से रूपए निकालकर हड़प करने के मामले में भादवि की धारा 420, 406 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
आरोपी ने आदिवासी महिलाओं के खाते में आई 4-4 हजार रूपए की शासकीय सहायता के रूपए उनसे अंगूठा लगवाकर निकाल लिए और उन्हें 2-2 हजार रूपए दे दिए। पीडि़त महिलाओं ने बैंक में पहुंचकर अपने खाते की शेष राशि के बारे जानकारी ली तो उनके साथ हुई धोखाधड़ी का खुलासा हो गया।
जानकारी के अनुसार इमरती पत्नी मुन्नालाल आदिवासी निवासी ग्राम बडेरा मजरा ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके साथ 21 महिलाएं 26 जून को दोपहर 12 बजे आरोपी सतेंद्र पुत्र महेंद्र यादव के कियोस्क सेंटर पर पहुंची थी। जहां सभी महिलाओं ने खाते से 2-2 हजार रूपए निकालने के लिए फॉर्म भरा था।
इस दौरान आरोपी सतेंद्र यादव ने उन सभी महिलाओं के मशीन पर अंगूठे लगाए और उसने 2-2 हजार रूपए की जगह 4-4 हजार रूपए निकाल लिए और 2-2 हजार रूपए उक्त महिलाओं को दे दिए और शेष रूपए उसने हड़प कर लिए। रूपए लेने के बाद वह महिलाएं वहां से चली गईं।
बाद में जब महिलाएं बैंक में अपने खाते में शेष राशि की जानकारी लेने पहुंची तो उन्हें बताया गया कि उनके खाते में कोई बैलेंस नहीं है। जिस पर महिलाओं ने बैंक मैनेजर से कहा कि उनके खाते में 4-4 हजार रूपए आए थे। जिनमें से उन्होंने सिर्फ 2-2 हजार रूपए कियोस्क सेंटर से निकाले हैं।
उनके खाते में अभी भी दो-दो हजार रूपए होने चाहिए। बैंक मैनेजर ने उन्हें पूरी जानकारी देने के बाद कियोस्क सेंटर पर जाने के लिए कहा और वह महिलाएं वहां पहुंची और उन्होंने आरोपी से अपने 2-2 हजार रूपए वापिस मांगे तो उसने देने से इंकार कर दिया। बाद में सभी महिलाएं थाने पहुंची और आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी।
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