सरकार का लुटेरा विभाग: बिजली जलाएं या चलाए घर, बिजली का बिल भरे या बच्चो के पेट / SHIVPURI NEWS

शिवपुरी। सरकार का एक विभाग जिले लूटेरे विभाग के नाम से भी पहचाना जाता हैं। खुले आम लूट कर रहा हैं। इस विभाग ने मनमाने बिजली के बिल थमा दिए। अब कोरोना काल में मंदी से जूझ रहे जनमानस के दिल से आह निकल रही है कि बिजली जलाए या चलाए घर,बिजली का बिल भरे या बच्चो का पेट.....

कोरोना काल में मंदी के शिकार जनमानस के घर बिना किसी हिसाब किताब के मनमाने बिल पहुंच रहे हैं। अब इ्न्है सही कराने के लिए बिभाग के दफ्तरो में भीड एकत्रित हो रही हैं। जिससे  सुरक्षित दूरी का पालन नहीं हो रहा है जबकि जिले में कोरोना का संक्रमण लगातार फैल रहा है।

बावजूद इसके लोगों को बिजली के बिलों के चिंता सता रही है। लोगों का कहना है कि लोकडाउन के बाद से लोगों के पास रोजगार नहीं है। ऐसे में कंपनी ने उन्हें मनमाने बिल थमा दिए हैं जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बिना रीडिंग के ही थमा रहे बिल

उपभोक्ता शांति ने बताया कि कोरोना के चलते मीटर रीडर मार्च माह से ही रीडिंग लेने नहीं आया है। बिल थमा दिया 10 हजार रुपये का, जबकि मीटर में रीडिंग कुछ ही बन रही है और जो बिल उन्हें थमाया हैं वह अधिक रीडिंग का थमा दिया गया है। शांति का कहना है कि वह पेंशनर है। उनका चार कमरों का मकान है। ऐसे में बिल 10 हजार रुपये दे दिया है। वह घर का खर्च करें या फिर बिजली का बिल जमा करें।

लाखन को थमाया 20 हजार का बिल

सिद्धेश्वर कॉलोनी में रहने वाले लाखन का कहना है कि उनके बिल की रीडिंग कुछ है, लेकिन मीटर में जो रीडिंग है, वह बिल से कम है। ऐसे में उन्हें 20 हजार रुपये का बिल थमा दिया गया है। लाखन का कहना है कि वह कार्यालय के पांच दिन से चक्कर काट रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार सीटों पर मिलते ही नहीं हैं। उसका कहना है कि सीएम ने कहा है कि उपभोक्ताओं के तीन माह के बिल आधे किए जाएं, लेकिन यहां कोई सुनवाई करने वाला नहीं है।

तीन माह से मकान में ताला बिल दिया 9 हजार

शहर के हाथीखाना में रहने वाले उपभोक्ता मुकेश ने बताया कि उनके मकान पर तीन माह से ताला पड़ा था, वह लॉकडाउन के बाद से ही अपने घर मुरैना चले गए थे, लेकिन अब उनको 9 हजार रुपये का बिल थमा दिया है, जबकि तीन माह से मकान में ताला पड़ा था। मकान में कोई रह भी नहीं रहा था। ऐसे में उन्हें 9 हजार रुपये का बिल थमा दिया। वह प्राइवेट कंपनी मे काम करते है। 12 हजार वेतन है, 9 हजार रुपये का बिजली का बिल कैसे जमा करेंगे।

4 कमरे का मकान बिल 8500 रुपये

शहर के कमलागंज इलाके में रहने वाली उपभोक्ता सीमा का 4 कमरे का मकान है, लेकिन उन्हें बिल 8565 रुपये थमा दिया गया है। सीमा का कहना है कि घर में एलईडी बल्ब लगे हैं, लेकिन मीटर रीडर रीडिंग लेने ही नहीं आया और जब बिल आया तो 8565 रुपये का बिल थमा दिया है। सीमा ने कहा कि उनका बेटा प्राइवेट कंपनी में काम करता है, जिससे घर चलता है। इतना बिल जमा करेंगे तो घर का बजट ही बिगड़ जाएगा।

पेंशनर को थमाया 7 हजार का बिल

शहर के पुरानी शिवपुरी इलाके में रहने वाली राधा पेंशनर हैं। राधा ने बताया कि उन्हें 7 हजार रुपये का बिल थमा दिया है, जबकि उनकी पेंशन ही 7500 रुपये है। ऐसे में यदि वह बिजली का बिल जमा करेंगी तो वह अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगी।


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