BHOPAL. आज दिनांक 1.02.2020 को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा "जल जीवन मिशन" को समझने और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के 8 जिलों के विभागीय अधिकारियों/ कर्मचारियों की एक कार्यशाला जल भवन, बाणगंगा चौराहा में प्रमुख अभियंता, श्री संकुले के मुख्य आतिथ्य में आयोजित की गई।
केंद्र द्वारा पेयजल व्यवस्था हेतु हाल ही में प्रभावशील किए गए "जल जीवन मिशन" के अन्तर्गत सभी ग्रामों में वर्ष 2024 तक प्रत्येक घर को घरेलू कनेक्शन के माध्यम से न्यूनतम 55 ली प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से नियमित शुद्ध पेयजल के महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करना है।
मिशन के अंतर्गत उक्त कार्य पूरी तरह जनभागीदारी से किया जाना है, जिसमें पेयजल योजना की कल्पना, क्रियान्वयन और संचालन तीनों में लाभान्वितों की सम्पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित की जावेगी। योजना लागत का 10% भाग जनसहभागिता से आना है, जो अनुसूचित जाति/ जनजाति बहुलता वाले ग्रामों में 5% मात्र रहेगा।
केंद्र द्वारा पेयजल व्यवस्था हेतु हाल ही में प्रभावशील किए गए "जल जीवन मिशन" के अन्तर्गत सभी ग्रामों में वर्ष 2024 तक प्रत्येक घर को घरेलू कनेक्शन के माध्यम से न्यूनतम 55 ली प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से नियमित शुद्ध पेयजल के महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करना है।
मिशन के अंतर्गत उक्त कार्य पूरी तरह जनभागीदारी से किया जाना है, जिसमें पेयजल योजना की कल्पना, क्रियान्वयन और संचालन तीनों में लाभान्वितों की सम्पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित की जावेगी। योजना लागत का 10% भाग जनसहभागिता से आना है, जो अनुसूचित जाति/ जनजाति बहुलता वाले ग्रामों में 5% मात्र रहेगा।
मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभाग, ग्रामीणजन, पंचायत और गैर शासकीय संस्थानों की क्या और कैसी भूमिका रहेगी इस विषय में व्यापक जानकारी सांझा की गई। मिशन के अंतर्गत न सिर्फ यह सुनिश्चित किया जाना है कि सभी को पर्याप्त शुद्ध पेयजल नियमित उपलब्ध हो बल्कि यह संदेश भी दिया जाना है कि पानी की बचत और सदुपयोग वर्तमान की महती आवश्यकता है। अत: जल संरक्षण और पानी का चक्रीय उपयोग भी अत्यंत जरूरी है।
वर्तमान में प्रदेश के 1 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में से मात्र लगभग 18 लाख घरों में ही घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से जलप्रदाय हो पा रहा है। अभी भी लगभग 82% घरों को नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल सुनिश्चित किया जाना है। पानी की उपलब्धता के साथ साथ गुणवत्ता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है और इसकी सुनिश्चितता भी अच्छे स्वास्थ्य और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।
कार्यशाला में मिशन के दिशा निर्देशों के अनुरूप कार्य करने हेतु यूनिसेफ और अन्य विषय विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन दिया गया। अच्छा गुणवत्तपूर्ण काम करने वाले ठेकेदार श्री प्रवीण महोबिया, जिला बैतूल को कार्यशाला में सम्मानित भी किया गया। अब जिला स्तर पर भी इसी तरह कार्यशालाएं आयोजित कर मिशन लक्ष्य को पूरा करने के लिए जनभागीदारी और क्रियान्वयन नीति निश्चित की जावेगी।