सुनील विश्वकर्मा।।हरपालपुर। जल प्रकृति की देन है हमें इसका संग्रहण भी करना है संयोजन भी करना है।वर्षाजल संचयन और कृषि में जल संरक्षणजल ‘जीवन का अमृत’ है। हमें वर्तमान व भावी पीढ़ियों के लिये जल संरक्षण की आवश्यकता है। पिछले कई वर्षो से बुंदेलखंड क्षेत्र के छतरपुर जिले का नगर हरपालपुर, पेयजल संकट की विकराल समस्या से जूझ रहा है। नगर परिषद जलसंकट से निपटने के नाम पर नाकाम रहा है।
भारत की एक निजी कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ पवन गोयनका के द्वारा कंपनी के वित्तीय सहयोग से नगर के भीषण जल संकट को देखते हुए नगरवासियों की समस्याओं को देखते हुए बरसात के पानी को जमीन में उतारने के लिए एक वर्ष से भू - जल संरक्षण व वर्षाजल को संरक्षित करने के लिए घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सूखे हुए हैंडपम्पों, बोर ,कुआँ , तालाबों में बरसात के पानी संग्रहण करने का काम किया ।
भारत की एक निजी कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ पवन गोयनका के द्वारा कंपनी के वित्तीय सहयोग से नगर के भीषण जल संकट को देखते हुए नगरवासियों की समस्याओं को देखते हुए बरसात के पानी को जमीन में उतारने के लिए एक वर्ष से भू - जल संरक्षण व वर्षाजल को संरक्षित करने के लिए घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सूखे हुए हैंडपम्पों, बोर ,कुआँ , तालाबों में बरसात के पानी संग्रहण करने का काम किया ।
जिससे ज्यादा से ज्यादा पानी जमीन के अंदर संग्रहित हो सके। इस कार्य को देखने के लिए बुधवार दोपहर को महाराजपुर विधानसभा के क्षेत्रीय विधायक नीरज दीक्षित ने महिंद्रा एंड महिंद्रा द्वारा कृषि उपज मंडी हरपालपुर में लगाए गए वाटर हार्वेस्टिंग व क्षेत्र में महिंद्रा कंपनी द्वारा किये कार्य की सराहना की और इसका श्रेय हरपालपुर में जन्मे व पले बड़े महिंद्रा एंड महिंद्रा के एमडी डॉ पवन गोयनका को दिया।
जल संरक्षण से इसका फायदा नगरवासियों को हुआ और इसका सीधा फायदा आसपास क्षेत्र के किसानों को भी हुआ जो वर्षो से कुएं सूखे पढ़े थे। उनमें पानी भर आया है। इस कार्य से जलस्तर भी बड़ा है। जमीन के जलस्तर को बढ़ाना है तो जल के संरक्षण एक बहुत बड़ा उपाय है।जल प्रकृति की अनमोल धरोहर है बिना पानी के जीवन संभव नहीं है।