INDORE. आज दिनांक को जिला लोक अभियोजन अधिकारी मोहम्मद अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय नितिन कुमार मुजाल्दा, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, सांवेर जिला इन्दौर के द्वारा थाना क्षिप्रा के अप.क्र. 144/16, प्रकरण क्र. 488/16, में आरोपी लाखनसिंह पिता सज्जनसिंह पंवार उम्र 36 वर्ष निवासी ग्राम टोडी, जिला इंदौर को दोषी पाते हुए, धारा 457 भादवि में 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये का अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड की राशि अदा न किए जाने पर 3 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताये जाने का भी आदेश किया गया । प्रकरण में पैरवी सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री विशाल गुप्ता द्वारा की गई। जिसमें उनके द्वारा अभियोजन साक्षियों की साक्ष्य अंकित करवाकर, बहस एवं उचित तर्क रखे गए एवं नवीन न्याय दृष्टांत की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित करवाकर उक्त धाराओं में कठोर से कठोर दंड दिये जाने का निवेदन किया गया था।
अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 20/05/16 को फरियादी पांचुबाई ने थाना क्षिप्रा की पुलिस चौकी मांगलिया में उपस्थित होकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करवाई कि वह ग्राम टोडी में रहती है। कल दिनांक 19/05/16 को वह घर पर अकेली थी उसका आदमी बाहर गया हुआ था। रात करीब 11:45 बजे उसके गांव का निवासी लाखन उसके छत की उजाल दानी निकाल कर घर में घुस आया। कूदने की आवाज सुनकर वह जाग गई। लाखन को सामने देख वह जोर से चिल्लाई, तो लाखन पीछे का दरवाजा खोलकर भाग गया। फिर थोड़ी देर बाद उसका पति घर आया, तो पति को घटना बताई। फिर पति के साथ रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए थाने आई। उक्त घटना की सूचना पर से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरान्त चालान न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 20/05/16 को फरियादी पांचुबाई ने थाना क्षिप्रा की पुलिस चौकी मांगलिया में उपस्थित होकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करवाई कि वह ग्राम टोडी में रहती है। कल दिनांक 19/05/16 को वह घर पर अकेली थी उसका आदमी बाहर गया हुआ था। रात करीब 11:45 बजे उसके गांव का निवासी लाखन उसके छत की उजाल दानी निकाल कर घर में घुस आया। कूदने की आवाज सुनकर वह जाग गई। लाखन को सामने देख वह जोर से चिल्लाई, तो लाखन पीछे का दरवाजा खोलकर भाग गया। फिर थोड़ी देर बाद उसका पति घर आया, तो पति को घटना बताई। फिर पति के साथ रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए थाने आई। उक्त घटना की सूचना पर से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरान्त चालान न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।