सुनील विश्वकर्मा/हरपालपुर। हर साल विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रांति को मनाई जाती है। इसी प्रकार से आज नगर हरपालपुर में हर वर्ष की भांति इस बार भी मंगलवार को नारायण आश्रम छोटि कुटि पर विश्वकर्मा मंदिर में पूजा अर्चना के बाद नगर में श्री विश्वकर्मा भगवान की शोभायात्रा निकली गयी।
ढोल नगाड़ो के साथ भव्य शोभायात्रा नारायण आश्रम से प्रारंभ होते हुए नगर में निकाली गई शोभायात्रा नगर में मैन रोड़ बाजार से होते हुए पुरानी गल्ला मंडी होते हुए नारायण आश्रम छोटी कुटि पर विश्वकर्मा भगवान के मंदिर में हवन के साथ कार्यक्रम सम्पन हुआ।शोभा यात्रा में सैकड़ो की संख्या में विश्वकर्मा समाज के लोग शामिल हुए। इस दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था, इसलिए इसे विश्वकर्मा जयंती भी कहते हैं. इस बार विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2019 को मंगलवार के दिन मनाई गई है। विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है. इसलिए इस दिन उद्योगों, फैक्ट्रियों और हर तरह के मशीन की पूजा की जाती है.
यह पूजा सभी कलाकारों, बुनकर, शिल्पकारों और औद्योगिक घरानों द्वारा की जाती है. लेकिन देश के कुछ भागों में इसे दीपावली के दूसरे दिन भी मनाया जाता है. उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, दिल्ली आदि राज्यों में भगवान विश्वकर्मा की भव्य मूर्ति स्थापित की जाती है और उनकी आराधना की जाती है.
ढोल नगाड़ो के साथ भव्य शोभायात्रा नारायण आश्रम से प्रारंभ होते हुए नगर में निकाली गई शोभायात्रा नगर में मैन रोड़ बाजार से होते हुए पुरानी गल्ला मंडी होते हुए नारायण आश्रम छोटी कुटि पर विश्वकर्मा भगवान के मंदिर में हवन के साथ कार्यक्रम सम्पन हुआ।शोभा यात्रा में सैकड़ो की संख्या में विश्वकर्मा समाज के लोग शामिल हुए। इस दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था, इसलिए इसे विश्वकर्मा जयंती भी कहते हैं. इस बार विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2019 को मंगलवार के दिन मनाई गई है। विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है. इसलिए इस दिन उद्योगों, फैक्ट्रियों और हर तरह के मशीन की पूजा की जाती है.
यह पूजा सभी कलाकारों, बुनकर, शिल्पकारों और औद्योगिक घरानों द्वारा की जाती है. लेकिन देश के कुछ भागों में इसे दीपावली के दूसरे दिन भी मनाया जाता है. उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, दिल्ली आदि राज्यों में भगवान विश्वकर्मा की भव्य मूर्ति स्थापित की जाती है और उनकी आराधना की जाती है.