संदीप विश्वकर्मा पन्ना/ गुनौर | गुनौर में भ्रष्टाचार की बीमारी कोई नई नहीं है । किसी भी योजना का लाभ अगर आम आदमी को मिलना हो , भ्रष्टाचार के कीड़े , कमीशन खोरी की संस्कृति का लबादा ओढकर सरकारी योजनाओं को ऐसे पलीता लगाते हैं,कि योजनाओं का दम फूलने लगता है । और उसकी मूल अवधारणा जिसका काम आवाम को लाभान्वित करने का रहा है , वह भटक जाती है । बस इसी करतब को चंद पैसों की कमीशन खोरी की लालच में विधानसभा मुख्यालय गुनौर की ग्राम पंचायत सिली में आंगनबाड़ी केंद्र में मच्छरदानी का वितरण करने वाली करने वाली आशा कार्यकर्ता ने मच्छरदानी बितरण करनें के नामपर ही भ्रष्टाचार करना शुरू कर दिया है।
यानी जिस रहवासी की समग्र आईडी के आधार पर मच्छरदानी का वितरण किया जा रहा है , उस में गड़बड़़ झाला कुछ इस तरह से किया जा रहा है कि, जिस व्यक्ति के परिवार में पांच व्यक्ति मुखिया सहित 18 वर्ष के ऊपर पांच सदस्य हैं उसको दो मच्छरदानी दी जा रही है । जबकि उसको 3 और 4 मच्छरदानी दी जानी चाहिए। ऐसा नहीं है कि उसके आशा कार्यकर्ता के पास उपलब्ध नहीं बल्कि कोरे रजिस्टर में पेंसिल से आशा कार्यकर्ता संख्या चढ़ा लेती है, और दो मच्छरदानी देकर मच्छरदानी की संख्या अंकित करती है , बाद में संखया बढा देती है,जिससे जनता नाराज है ।
क्या है मच्छरदानी वितरण करने का नियम -
वर्ष 2015 की जनगणना के आधार वितरण होने वाली मच्छरदानी ऐल.ऐल.आई.ऐन. कीटनाशक मच्छरदानी वितरण की जानी है उसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता एमपीडब्ल्यू / ए.ऐन.ऐम. आशा कार्यकर्ता आशा सहयोगिनी कार्यकर्ता एवं सेक्टर सुपरवाइजर सुपरवाइजर का होना आवश्यक है हर सेक्टर सुपरवाइजर का कहीं अता-पता नहीं है उनको पता ही नहीं है कि मच्छरदानी कैसी बांटी जानी जिसके कारण आशा कार्यकर्ता मच्छरदानी वितरण में घोटाला कर रही है । है ,सी.ऐस.सी.अमानगंज/ गुनौर/सलेहा, यानी 90 गांव में बितरण होनी है । जिसमे 13 उप स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल हैं।
किनको दिया जाना है मच्छरदानी -
किसी परिवार में पति और पत्नी को दो नंबर वाली मच्छरदानी , एक बच्चा है- तीन नंबर वाली मच्छरदानी । 18 वर्ष के ऊपर अगर दो बच्चे हैं तो - दो नंबर वाली मच्छरदानी , और अगर एक बच्ची है उसकी उम्र 18 साल है उसको एक नंबर की मच्छरदानी दिया जाना नियम में है । मगर सिली ग्राम पंचायत की आशा कार्यकर्ता आंगनवाड़ी केंद्र में खुलेआम भ्रष्टाचार कर रही है । जिसकी शिकायत स्वास्थ्य अधिकारी को दे दी गई है । अब कार्रवाई क्या होती है यह जांच का विषय है ?
इनका कहना है -
आपके द्वारा दी गई जानकारी कि मैं खुद जांच करवाता हूं । अगर ऐंसा पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई करूंगा । डॉक्टर रीतेश दुबे
चिकित्सा अधिकारी गुनौर