श्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की जनता को उम्मीद ही नहीं अपितु पूरा भरोसा था कि मोदी सरकार अच्छे काम करेगी और मोदी सरकार कुछ हद तक इस भरोसे पर खरी भी उतरी है। आज देश में ज्यादातर भारतीय जनता पार्टी या उनके समर्थन की सरकारे हैं और ज्यादातर नगरीय निकाय भी, लेकिन पता नहीं नगरीय निकायों में कैसा माहौल है और ऐसा लगता नहीं है की नगरी निकाय अपनी भूमिका अच्छे से निभा पा रहे हैं जो योजनाएं भारत सरकार गरीब लोगों के लिए प्रारंभ करती है उनका सही से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। हम मध्यप्रदेश का एक उदाहरण अगर लें तुम भिंड जिले की भिंड या गोहद नगरपालिका की बात करें तो दोनों ही जगह भाजपा के अध्यक्ष हैं और गोहद नगर पालिका तो प्रदेश के कद्दावर मंत्री श्री लाल सिंह आर्य जी का विधानसभा क्षेत्र है।
पिछले कुछ महीनों में ही कभी किसी पात्र व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा नहीं दिया जाता और अपात्र लोग प्रधानमंत्री आवास योजना का भरपूर लाभ दिया जा रहा है कभी टैंकर घोटाला ,कभी डस्टबिन घोटाला नजर आता है इन घोटालों को लेकर विपक्षी पार्टियां अनशन तक कर चुकी हैं और अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं कि इनकी जांच कराई जाए लेकिन आज तक कोइ जाच होती नही दिख रही ? बहुत सी खरीदारी में बाजार कीमत से ज्यादा के बिल लगाकर पैसा हड़पा जा रहा है।
जिन लोगों के पिता या परिवार के सदस्य शासकीय कर्मचारी हैं और करोड़ों की जमीन उसके हिस्से में आती है जिसको ये नगरीय निकाय गरीब बता रहे हैं उसके पास पक्का घर, कूलर, पंखा, AC ,चार पहिया वाहन, इनवर्टर तक सभी ऐशो आराम के साधन है ऐसे-ऐसे गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल रहा है और पात्र व्यक्ति न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है बड़ा दिलचस्प लगता है कि इस मामले प्रतिष्ठित अखबारों प्रतिष्ठित प्रादेशिक न्यूज़ चैनल तक मे चल चुके हैं पर हमेशा कार्यवाही का सिर्फ आश्वासन मिलता है और जनता अपने आप को ठगा महसूस करती हैं मोदी जी और शिवराज जी का सपना है कि अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचे , लेकिन उन्हीं की पार्टी के लोग , उन्हीं की पार्टी के नगरीय निकाय उनके सपने को चकनाचूर करने में लगे है देखते हैं अगले विधानसभा चुनाव 2018 में मध्यप्रदेश में ऐसे मामले क्या रंग लाएंगे ? विश्वनाथ सिंह तोमर
समाज सेवक, ऐसे मामलो के दर्शक
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