JABALPUR: मोहन्द्रा(आकाष बहरे)- मोहन्द्रा के समीप सिद्व स्थल भुवनेश्वर मंदिर के किनारे बने राजा बांध को मरम्मत की खास दरकार है। अपने निर्माण कार्य के बाद से ही अम्हां, खैरी, पड़वार, आनंदपुरा, रीछी, ठिंगरी, दलपतपुरा और हीरापुर गांव के हजारों किसानों के लिये वरदान साबित हुआ राजा बांध मरम्मत के आभाव में अब जगह जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। कुछ वर्ष पूर्व निर्मित कैनाल घटिया निर्माण की बजह से पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। इसकी बजह से किसानों की खेती की जमीन में कटाव भी हो रहा है। गेट के बगल में बांध की मेढ़ को मजबूती देने के लिये लगाये गये बोल्डर एक हिस्से से उखड़ गये है। बारिस के बाद जब पानी भर जायेगा तो बांध के फूट जाने की आषंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। स्थानीय निवासियों के अनुसार स्थाई चौकीदार न होने की बजह से पूरे क्षेत्र के बाल्टी बाले दबंग व छुटभैया नेता जब चाहे तब अपनी फसलों की सिचाई के लिये गेट खोल देते थे। इसी का परिणाम है कि गैर प्रषिक्षित लोगों द्वारा बार बार लापरवाही से गेट खोले जाने की बजह से गेट क्षतिग्रस्त हो गया।
पिछली साल सर्दियों में क्षतिग्रस्त हुये गेट से लगातार पानी तब तक बहता रहा जब तक पानी का स्तर अपने आप गेट से नीचे नहीं चला गया। साल भर स्थानीय किसान गेट सुधरवाने प्रशासन से गुहार लगाते रहे, पर प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। आज नतीजा ये है कि पूरे बांध का पानी खाली होकर सतह दिखने लगी है। स्थानीय किसानों के अनुसार पच्चीस साल में हमेषा मई और जून महीने में बांध के पानी का स्तर सतह से दस फीट ऊपर ही रहा पर अब तो आधे बांध में सतह पूरी दिख रही है। जबकि आधे में न के बराबर पानी है।
निर्माण कार्य के बाद से आज तक मरम्मत नहीं हुई
अर्जुन सिंह के मुख्यमंत्री रहते स्वीकृत हुआ अम्हां का राजा बांध क्षेत्र के किसानों के लिये आर्थिक संपन्नता लेकर आया। पूरे इलाके में केवल राजा के आसपास के किसान ही साल में तीनों फसल का उत्पादन करते है। 1995 में जनता के सुपुर्द किये गये राजा बांध की मरम्मत आज दिनांक तक नहीं हुई है। मरम्मत के आभाव में कहीं राजा बांध की गिनती बुंदेलखंड पैकेज में फूट गये बांधों में न आने लगे इसके लिये जिम्मेदार अधिकरियों को समय रहते ध्यान देना ही होगा।