BHOPAL: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम ने एक साथ कई संकेत दिए है। पहले तो चुनाव नतीजों ने सिद्ध कर दिया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सबका साथ सबका विकास और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह की संगठन क्षमता बेजोड़ है। जनादेश देकर जनता ने भारतीय जनता पार्टी के विकासवादी सोच और रीति नीति को सराहा है वही कांग्रेस को सिरे से नकार दिया है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के मतदाताओं ने कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार द्वारा चुनाव में परोसी गयी घोषणाओं को भी नकार दिया है और बता दिया है कि सियासी जीत की खातिर कांग्रेस का हर विभाजनकारी प्रयास जनता को स्वीकार्य नहीं होगा। प्रथक झंडा, लिंगायतों को अल्पसंख्यक का दर्जा, हिन्दी संकेतकों को विलोपित करने के प्रयास कर्नाटक की जनता को जरा भी आकर्षित नहीं कर सका।
श्री शर्मा ने कहा कि कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रदेश के मतदाताओं ने एक सबक दिया है। आलोचना से सुर्खियां बटोरी जा सकती है। जनता विशेष रूप से युवा वर्ग विकासवादी सोच और परफार्मेन्स चाहता है जो श्री नरेन्द्र मोदी ने कर दिखाया है। कर्नाटक परिणाम इसका सबूत है। भारतीय जनता पार्टी की सीटे दोगुनी हुई और वोट प्रतिशत में इजाफा होने से 2013 में हासिल 40सीटों के एवज में 104 सीटों से नवाजा है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। कांग्रेस को गत चुनाव में जहां 122 सीटें मिली थी, वे सिमटकर 78 रह गयी है। कर्नाटक के मतदाताओं ने कांग्रेस के विरूद्ध जनादेश देकर उसे दंडित किया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को मिले जनादेश का कांग्रेस को सम्मान करना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी अब तक 26 से अधिक चुनावों से रूबरू हो चुके है और कर्नाटक सहित चुनावों में विफलता हासिल हुई है। विरोध के लिए विरोध की राजनीति जनता को रास नहीं आयी। फिर जनता की सहानुभूति अर्जित करने के लिए कांग्रेस ने जब डॉ. मनमोहन सिंह के कंधे पर बंदूर दागने का प्रयास किया। जनता को श्रीमती सोनिया गांधी के कठोर शब्द विस्मृत नहीं हुए जब उन्होंने श्री नरेन्द्र मोदी को मौत का सौदागर कहकर नफरत के बीज बोए थे। श्री राहुल गांधी ने भी जवानों के खून की दलाली कहकर फौज को सियासत में धकेलने का प्रयास किया था।