BHOPAL: भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश महामंत्री व सांसद श्री अजयप्रताप सिंह ने कहा कि कर्नाटक में राज्यपाल ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता येदियुरप्पा को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करके जनादेश का सम्मान किया है। भारतीय संसदीय लोकतंत्र में स्पष्ट बहुमत के अभाव में सबसे बड़े राजनैतिक दल को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करने की परम्परा रही है। राज्यपाल को जो विवेकाधिकार है उसमें निर्णय लेने की पूरी स्वायत्ता है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनादेश का सम्मान और राजनैतिक स्थिरता विचारणीय बिन्दु है जनादेश का सम्मान और राजनैतिक स्थिरता ऐसे बिंदु है जिन पर राज्यपाल को गंभीरतापूर्वक विचार करना होता है। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और जनता दल एस प्रतिस्पर्धी थे और एक दूसरे के विरूद्ध चुनाव लड़े हैं। फिर उन्होंने सत्ता के लिए गठबंधन भी ऐसे समय किया जब दोनों को कर्नाटक की जनता ठुकरा चुकी थी।
श्री सिंह ने कहा कि 2013 कें चुनाव में कांग्रेस को 122 सीटों पर विजय मिली थी, लेकिन 2018 में उनकी जीत सिमटकर 78 सीटों पर रह गई। इसी तरह जीडीएस को जहाॅ 2013 में 40सीटें मिली थीं वे घटकर 37 रह गई। स्पष्ट है कि दोनों दलों को जनता ने ठुकराया है। कांग्रेस और जडीएस ने जनता का विश्वास खो दिया। इसके विपरीत 2018 में भारतीय जनता पार्टी को जनादेश से ऐसा नवाजा कि वह स्पष्ट बहुमत से कुछ सीटे कम पर पहुंच गई। जनता ने भाजपा पर विश्वास जताया। ऐसे में जिन दो दलों के प्रति जनता ने अविश्वास व्यक्त किया और चुनाव उपरान्त वे अवसरवाद ग्रसित होकर साथ आते हैं, तो यह जनता के साथ कैसा सरोकार होगा। भारतीय जनता पार्टी को आमंत्रित करके राज्यपाल ने लोकतंत्र के जनादेश का ही सम्मान किया है।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने भाजपा को 15 दिन में बहुमत साबित करने का अवसर देकर एक अनिश्चय को समाप्त कर दिया है। राज्यपाल राज्य के अधिक दिनों तक राजनैतिक अनिश्चय बरकरार नहीं रख सकते हैं। उनका फैसला शिरोधार्य होना चाहिए, फिर भाजपा पहले भी कर्नाटक में शासन चला चुकी है। उसने राजनैतिक स्थिरता का रिकार्ड बनाकर सुशासन देने का रिकार्ड बनाया है।